Shani Dev: आखिर क्यों घर में शनि देव की मूर्ति नहीं रखनी चाहिए? जानें इसके पीछे का रहस्य
शनि देव जातक के आधार पर शुभ और अशुभ परिणाम देते हैं। इसलिए उन्हें न्याय का देवता माना जाता है। अच्छे कर्म करने वाले इंसान को शुभ फल की प्राप्ति होती है और बुरे कर्म करने वाले को शनि देव दंडित करते हैं। वैसे तो घर में देवी-देवताओं की मूर्ति रखना शुभ माना जाता है लेकिन घर में शनि देव की मूर्ति रखना वर्जित है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shani Dev Idol Tips: सनातन धर्म में शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है। शनि देव जातक के आधार पर शुभ और अशुभ परिणाम देते हैं। इसलिए उन्हें न्याय का देवता माना जाता है। अच्छे कर्म करने वाले इंसान को शुभ फल की प्राप्ति होती है और बुरे कर्म करने वाले को शनि देव दंडित करते हैं। वैसे तो घर में देवी-देवताओं की मूर्ति रखना शुभ माना जाता है, लेकिन घर में शनि देव की मूर्ति रखना वर्जित है। चलिए जानते है घर में शनि देव की मूर्ति किस लिए नहीं रखनी चाहिए।
ये है वजह पौराणिक मान्यता के अनुसार, शनि देव को ऐसा श्राप मिला हुआ है कि वह जिसको भी देखेंगे, तो उसका बुरा हो जाएगा। इसी वजह से घर में शनि देव की मूर्ति नहीं रखी जाती।
करें ये उपाय
अगर आप शनि ग्रह का सामना कर रहे हैं, तो ऐसे शनिवार का व्रत करें। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से जीवन में आने वाले संकट दूर होते हैं। साथ ही साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा सुख-समृद्धि, मान-सम्मान और धन-यश की भी प्राप्ति होती है।न खरीदें ये चीजें शास्त्रों की मानें तो शनिवार के दिन लोहे की चीजें खरीदना शुभ नहीं माना जाता। ऐसा करने से जातक को जीवन में शनि देव के क्रोध का सामना करना पड़ता है। इससे जीवन में कई तरह की परेशानियां आ सकती हैं। इसलिए शनिवार को लोहे से बनी चीजों का नहीं खरीदना चाहिए।
सरसों का तेल शनि देव को प्रिय माना गया है। इसलिए शनिवार के दिन पूजा के दौरान शनि देव पर सरसों का तेल अर्पित किया जाता है, लेकिन भूलकर भी शनिवार के दिन सरसों का तेल की खरीदने की मनाही है।यह भी पढ़ें: Apara Ekadashi 2024: अपरा एकादशी पर जरूर करें भगवान कृष्ण की पूजा, जीवन में आएगी खुशहाली
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।