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Shankh Benefits: शंख बजाने से मिलते हैं ये चमत्कारी लाभ, इसकी ध्वनि पूजा के लिए करती है प्रेरित

सनातन धर्म में ईश्वर की कृपा प्राप्त और उन्हें प्रसन्न करने के लिए पूजा कई तरह से की जाती है। कोई पूजा के दौरान कोई शंख बजाता है तो कोई घंटी बजाकर भगवान से प्रार्थना करता है। शंख का इस्तेमाल प्राचीन समय से धार्मिक और मांगलिक कार्यों में किया जाता रहा है। शंख को पूजा के वक्त बजाना शुभ माना गया है।

By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaUpdated: Sat, 17 Feb 2024 12:10 PM (IST)
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Shankh Benefits: शंख बजाने से मिलते हैं ये चमत्कारी लाभ, इसकी ध्वनि पूजा के लिए करती है प्रेरित

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shankh Benefits: सनातन धर्म में ईश्वर की कृपा प्राप्त और उन्हें प्रसन्न करने के लिए पूजा कई तरह से की जाती है। कोई पूजा के दौरान कोई शंख बजाता है, तो कोई घंटी बजाकर भगवान से प्रार्थना करता है। शंख का इस्तेमाल प्राचीन समय से धार्मिक और मांगलिक कार्यों में किया जाता रहा है। शंख को पूजा के वक्त बजाना शुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, शंख बजाने से सुख-समृद्धि समेत कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। आइए जानते हैं पूजा के दौरान शंख बजाने से कौन से धार्मिक फायदे मिलते हैं।

शंख बजाने के धार्मिक फायदे (Shankh bajane ke fayde )

-पूजा के समय में शंख बजाने से आसपास का वातावरण शुद्ध होता है।

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-शंख की ध्वनि पूजा-पाठ के लिए प्रेरित करती है। मान्यता के अनुसार, शंख की पूजा करने से साधक की मनचाही मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

-रोजाना पूजा के दौरान शंख बजाने से लोगों के मन में सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं।

-मान्यता है कि शंख में धन की देवी मां लक्ष्मी निवास करती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, शंख को मां लक्ष्मी का भाई भी कहा जाता है।

-वैज्ञानिकों की माने तो शंख बजाने से आसपास के जीवाणु और कीटाणु खत्म हो जाते हैं।

-आयुर्वेद के अनुसार, शंख बजाने से पथरी और पीलिया समेत कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है।

-भगवान श्रीहरि की पूजा में शंख का इस्तेमाल बेहद शुभ माना गया है। वहीं, भगवान शिव की पूजा में शंख बजाना वर्जित है।

शंख को कहां और कैसे रखें?

शास्त्रों में शंख को रखने के नियम बताए गए हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, मंदिर में शंख को जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी की प्रतिमा के दायी तरफ रखना चाहिए। इसके अलावा आप शंख को घर की उत्तर पूर्व या उत्तर दिशा में रख सकते हैं। शंख को किसी पात्र या कपड़े के ऊपर रखें।

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

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