Sharad Purnima 2022: शरद पूर्णिमा के दिन इन मंत्रों का जाप से पूरी हो जाएंगी सभी इच्छाएं
Sharad Purnima 2022 Mantra शरद पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन चंद्रदेव माता लक्ष्मी के साथ भगवान शिव भगवान कृष्ण के साथ कुबेर भगवान की पूजा अर्चना करने से सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
By Shivani SinghEdited By: Updated: Sat, 08 Oct 2022 01:23 PM (IST)
नई दिल्ली, Sharad Purnima 2022: हिन्दू धर्म में शरद पूर्णिमा पर्व को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार यह वही दिन है जिस दिन माता लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। इस दिन माता लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है और घर परिवार में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही माना यह भी जाता है कि इस दिन चांद की किरणों में औषधीय तत्व होते हैं जिस वजह से इस पर्व का महत्व और बढ़ जाता है।
बता दें कि इस दिन चंद्रमा भी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। इस दिन मां लक्ष्मी, चंद्र देव के साथ भगवान विष्णु, कुबेर जी, भगवान कृष्ण की पूजा करने से व्यक्ति की हर इच्छा पूर्ण हो जाती है। जानिए शरद पूर्णिमा केदिन किन मंत्रों का जाप करना होगा शुभ।शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी के मंत्र
शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए विधिवत पूजा करने के साथ इन मंत्रों का जाप करें।
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
कुबेर मंत्र शरद पूर्णिमा के दिन भगवान कुबेर की भी विधिवत पूजा करने के साथ इस मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से सुख-समृद्धि, धन संपदा की प्राप्ति होती है।ऊं यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतयेधन धान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।।
भगवान शिव का मंत्रशरद पूर्णिमा के दिन भगवान शिव के मंदिर जाकर शिवलिंग की विधिवत पूजा करें। इसके लिए जलाभिषेक करें और सफेद चंदन, अक्षत, बेलपत्र, आंकडे के फूल और मिठाई का भोग लगा दें। इसके बाद इस मंत्र का जाप करें। माना जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से मृत्युभय, दरिद्रता से छुटकारा मिल जाता है।पंचवक्त्र: कराग्रै: स्वैर्दशभिश्चैव धारयन्।अभयं प्रसादं शक्तिं शूलं खट्वाङ्गमीश्वर:।।
दक्षै: करैर्वामकैश्च भुजंग चाक्षसूत्रकम्।डमरुकं नीलोत्पलं बीजपूरकमुक्तमम्।।चंद्र देव की कृपा के लिए मंत्रशरद पूर्मिमा के दिन चंद्र देव पूरी 16 कलाओं से परिपूर्ण होते हैं। इस दिन इसकी पूजा करने के साथ इस मंत्र का जाप कररने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम ।नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।।
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