Sharad Purnima 2024: एक क्लिक में दूर करें शरद और आश्विन पूर्णिमा का कन्फ्यूजन, नोट करें सही डेट
हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि पर पवित्र नदी में स्नान करना और जरूरतमंदों और गरीबों को दान करना काफी शुभ माना जाता है। लेकिन पूर्णिमा के अगले दिन उदया तिथि में स्नान दान करना शुभ माना गया है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि शरद पूर्णिमा कब मनाई जाएगी और इसके स्नान-दान के लिए कौन-सा दिन अधिक उत्तम रहने वाला है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आश्विन माह में आने वाली शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2024 Date) को हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन मुख्य रूप में मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। लोग अक्सर पूर्णिमा और स्नान-दान की तारीख को लेकर असमंजस में रहते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं शरद पूर्णिमा और स्नान दान के लिए मुहूर्त क्या रहने वाला है।
पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त (Ashwin Purnima 2024 Date)
आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि 16 अक्टूबर को रात 08 बजकर 40 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं, इस तिथि का समापन 17 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 55 मिनट पर होगा। ऐसे में शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2024) बुधवार, 16 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन पूर्णिमा का व्रत भी रखा जाएगा। आश्विन पूर्णिमा का समापन 17 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 55 मिनट पर होगा। इसलिए स्नान-दान 17 अक्टूबर को किया जाएगा।
आश्विन पूर्णिमा पंचांग (Ashwin Purnima Shubh Muhurat)
शुभ योग -
- शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रोदय - शाम 05 बजकर 41 मिनट पर
- शरद पूर्णिमा निशिता काल - रात्रि 11 बजकर 41 से 18 अक्टूबर 12 बजकर 32 मिनट तक
- ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 04 बजकर 43 मिनट से प्रातः 05 बजकर 33 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 49 मिनट से शाम 08 बजकर 14 मिनट तक
- सर्वार्थ सिद्धि योग - पूरे दिन
यह भी पढ़ें - Sharad Purnima 2024: शरद पूर्णिमा पर राशि अनुसार करें इन चीजों का दान, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम
अशुभ योग -
- राहुकाल - दोपहर 01 बजकर 32 मिनट से दोपहर 02 बजकर 58 मिनट तक
- गण्ड मूल - पूरे दिन
- भद्रा - सुबह 06 बजकर 23 मिनट से सुबह 06 बजकर 48 मिनट तक
- पंचक - सुबह 06 बजकर 23 मिनट से दोपहर 04 बजकर 20 मिनट तक
इन चीजों का करें दान
शरद पूर्णिमा के दिन सफेद चीजों जैसे दूध, चावल, मिश्री या फिर घर पर बनाई गई खी का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और साधक पर अपनी दया दृष्टि बनाए रखती हैं। जिससे साधक को धन-समृद्धि की कोई कमी नहीं होती।अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।