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Shardiya Navratri 2023: ऐसे करें मां शैलपुत्री की पूजा, इस खास वैदिक मंत्र से होंगी मां प्रसन्न

Shardiya Navratri 2023 नवरात्र का पहला दिन मां शैलपुत्री (Maa Shailputri) के भक्तों के लिए बेहद खास होता है। इस दिन से नवरात्र उत्सव की शुरुआत होती है। साथ ही यह दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है। देवी शैलपुत्री को देवी पार्वती के नाम से भी जाना जाता है जो राजा हिमालय और माता मैना की बेटी हैं।

By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Sun, 15 Oct 2023 08:58 AM (IST)
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Shardiya Navratri 2023: ऐसे करें मां शैलपुत्री की पूजा

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्र का आज पहला दिन है। इस खास मौके पर भक्त सच्ची श्रद्धा के साथ मां शैलपुत्री (Maa Shailputri) की विशेष पूजा करते हैं। नवरात्र के दिन बेहद शुभ माने गए हैं। इन दिनों मां के अलग- अलग रूपों की पूजा का विधान है। शारदीय नवरात्र की शुरुआत इस साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी आज से हुई। इसका समापन 24 अक्टूबर 2023 को दुर्गा विसर्जन और दशहरा के साथ होगा।

पहले दिन का महत्व

नवरात्र (Navratri 2023) का पहला दिन मां शैलपुत्री के भक्तों के लिए बेहद खास होता है। इस दिन से नवरात्र उत्सव की शुरुआत होती है। साथ ही यह दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है। देवी शैलपुत्री को देवी पार्वती के नाम से भी जाना जाता है, जो राजा हिमालय और माता मैना की बेटी हैं। देवी शैलपुत्री अपने बाएं हाथ में फूल और दाहिने हाथ में त्रिशूल को धारण करती हैं।

इसके अलावा मां के पास भगवान शिव, भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु की दिव्य शक्तियां भी हैं। इस दिन भक्त देवी को प्रसन्न करने के लिए दिन-रात पूजा करते हैं, जिससे मां माहेश्वरी प्रसन्न होकर भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।

पहले दिन की पूजा विधि

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
  • घर को साफ-सुथरा करके सजाएं।
  • पूजा घर को भी अच्छे तरीके से साफ करें और उसे सजाएं।
  • शुभ मुहूर्त में कलश रखें और घटस्थापना करें।
  • मां दुर्गा की मूर्ति रखें और गुलाबी रंग की माला चढ़ाएं।
  • कुमकुम लगाएं।
  • फल और मिठाई चढ़ाएं।
  • एक कलश लें और उसे आम के पत्तों से सजाएं, कलश के चारों ओर लाल पवित्र कलावा बांधें, फिर उस कलश के ऊपर नारियल रखें।
  • एक मिट्टी का बर्तन लें और उसके अंदर मिट्टी डालें और फिर उसमें जौ के अनाज के बीज फैला दें और उसके अंदर थोड़ा सा पानी डालें और उसे किसी प्लेट से ढक दें।
  • पूजा करें और दुर्गा सप्तशती पाठ का पाठ करें।
  • मां शैलपुत्री के मंत्रों का जाप करें।
  • व्रत खोलने से पहले मां दुर्गा की आरती जरूर करें।
  • सात्विक भोजन से व्रत खोलें

मां शैलपुत्री का मंत्र

''ओम देवी शैलपुत्र्यै नमः''

''वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।

वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥''

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'