Shardiya Navratri Day 4: मां कूष्माष्डा की पूजा से मिलता है आरोग्य जीवन, कृपा प्राप्ति के लिए करें ये उपाय
Sharad Navratri 2023 15 अक्टूबर रविवार के दिन से शारदीय नवरात्र का शुभारंभ हो चुका है। जिसका समापन दशमी तिथि पर मां दुर्गा विसर्जन के साथ होगा। नवरात्र का समय हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्माष्डा की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। ऐसे में आइए जानते हैं माता की कृपा प्राप्ति के लिए खास उपाय।
By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Wed, 18 Oct 2023 11:03 AM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Maa Kushmanda Puja: नवरात्र की यह पावन अवधि मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना के लिए समर्पित है। नवरात्र के अलग-अलग दिन माता दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा-अर्चना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। आज नवरात्रि के चौथे दिन यानी, 18 अक्टूबर, बुधवार के दिन मां कूष्माष्डा की पूजा की जाएगी। ऐसे में यदि आप इस दिन कुछ खास उपाय करते हैं तो आपके जीवन में चल रही सभी प्रकार की समस्याएं दूर होती हैं।
सुबह उठकर करें ये काम
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब पृथ्वी रचना नहीं हुई थी, उससे पहले तब मां कुष्मांडा ने ही ब्रह्मांड की रचना की थी। माता कुष्मांडा की आराधना करने से साधक को आरोग्य जीवन की प्राप्ति होता है। ऐसे में नवरात्र के चौथे दिन सुबह जल्दी उठकर, स्नान आदि से निवृत होने के बाद व्रत का संकल्प लें। विधि-विधान पूर्वक मां कुष्मांडा की पूजा करें। इस दौरान उन्हें कद्दू से बनी चीजों का भोग जरूर लगाएं। ऐसा करने से मां आपसे प्रसन्न होती हैं।
खत्म होंगी सभी परेशानियां
सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए आप नवरात्र के चौथे दिन ये उपाय कर सकते हैं। मां कुष्मांडा की पूजा के दिन पीपल के पेड़ के नीचे से थोड़ी-सी मिट्टी लाकर उसे अपने घर में रखें। इसके बाद इस मिट्टी पर दूध, दही, अक्षत और रोली आदि चढ़ाते हुए दीया जलांए। ऐसा करने के बाद इस मिट्टी को वापस पीपल के पेड़ के नीचे रख आएं।यह भी पढ़ें - Shardiya Navratri 2023: नवरात्र में अपनी राशि के अनुसार करें ये आसान उपाय, मां भगवती बनाए रखेंगी कृपा
करें इस मंत्र का जाप
नवरात्र के चौथे दिन मां कुष्मांडा की कृपा प्राप्ति के लिए पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करना चाहिए -‘ॐ कूष्माण्डायै नम:मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से कुंडली में स्थित केतु ग्रह से जुड़े दोष दूर हो जाते हैं और साधक कई तरह की समस्याओं से बच जाता है।डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'