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Shardiya Navratri 2023: किसका स्वरूप माने गए हैं नारियल और सुपारी, जानिए नवरात्रि पूजा में क्या है इनका महत्व

Shardiya Navratri 2023 हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हर साल आश्विन मास की शुक्ल प्रतिपदा तिथि से होती है। ऐसे में इस साल नवरात्रि का शुभारंभ 15 अक्टूबर 2023 रविवार के दिन से हो रहा है। नवरात्रि के नौ दिनों में माता दुर्गा के विभिन्न नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा करने से साधक को माता रानी का आशीष प्राप्त होता है।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Thu, 12 Oct 2023 12:12 PM (IST)
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Shardiya Navratri Puja जानिए नवरात्रि पूजा में नारियल और सुपारी का महत्व।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Shardiya Navratri Puja: नवरात्रि के नौ दिनों में साधक माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना और व्रत करते हैं। नवरात्रि की पूजा में नारियल और सुपारी का भी मुख्य तौर से इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि नवरात्रि की पूजा में नारियल और सुपारी का क्या महत्व है।

इसलिए किए जाते हैं इस्तेमाल

नवरात्रि पूजा के समय कई चीजों का इस्तेमाल किया जाता है जिनका अपना-अपना महत्व है। पूजा में इस्तेमाल होने वाली सुपारी को गणेश जी का प्रतीक माना गया है। वहीं, पूजा का नारियल माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि नवरात्रि की पूजा में इन दोनों चीजों का इस्तेमाल किया जाए तो, पूजा बिना किसी बाधा के सम्पन्न होती है।

नवरात्रि पूजा में सुपारी का महत्व

माना जाता है कि पूजा समाप्त होने के बाद यदि आप पूजा की सुपारी को अपने पास रखने से व्यक्ति को कई तरह के लाभ मिल सकते हैं। ऐसा करने से धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता। वहीं, नवरात्रि की पूजा में सुपारी पर जनेऊ लपेटकर इसका उपयोग करना चाहिए। इसके बाद इस सुपारी को धन के स्थान पर रख दें। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

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नारियल रखने से मिलते हैं ये लाभ

नवरात्रि पूजा के दौरान एकाक्षी नारियल का उपयोग करना बहुत-ही शुभ माना जाता है। एकाक्षी नारियल एक छिद्र वाला होता है। इसे श्रीफल भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि जिस घर में नारियल की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है उस घर में मां लक्ष्मी का वास बना रहता है। साथ ही नवरात्रि में देवी दुर्गा के समक्ष एकाक्षी नारियल रखकर उसकी पूजा करने से साधक के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'