Shardiya Navratri 2023: नवरात्र के दौरान इन रंगों के वस्त्र करें धारण, मिलेगा मां दुर्गा का आशीर्वाद
Shardiya Navratri 2023 यह नौ दिवसीय त्योहार मां दुर्गा (Maa Durga) और उनके नौ स्वरूपों की पूजा के लिए समर्पित है जिन्हें सामूहिक रूप से नवदुर्गा के रूप में जाना जाता है। इन नौ दिनों के दौरान त्योहार के प्रत्येक दिन से जुड़े अलग-अलग रंग पहनने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि ये रंग देवी की विभिन्न अभिव्यक्तियों और विशेषताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Mon, 16 Oct 2023 10:15 AM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क।Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्र हिंदू धर्म के सबसे पवित्र पर्वों में से एक है। यह त्योहार देवी भक्तों के बेहद करीब है। इस दिन भक्त मां भगवती की उपासना सच्चे दिल से करते हैं। यह नौ दिवसीय त्योहार मां दुर्गा (Maa Durga) और उनके नौ स्वरूपों की पूजा के लिए समर्पित है, जिन्हें सामूहिक रूप से नवदुर्गा के रूप में जाना जाता है। इन नौ दिनों के दौरान, त्योहार के प्रत्येक दिन से जुड़े अलग-अलग रंग पहनने की परंपरा है।
ऐसा माना जाता है कि ये रंग देवी की विभिन्न अभिव्यक्तियों और विशेषताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। तो आइए जानते हैं प्रत्येक दिनों के रंगों का महत्व -यह भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2023: भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए मां ब्रह्माचारिणी ने ऐसे की थी पूजा, जानें पूरी कथा
नवरात्र पहला दिननवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है। वो प्रकृति और पवित्रता का प्रतीक हैं और देवी दुर्गा का पहला अवतार हैं। इस दिन नारंगी रंग का खास महत्व है। ऐसी मान्यता है, अगर साधक नारंगी रंग के वस्त्र धारण करते हैं, तो वे गुणों से संपन्न होते हैं। साथ ही यह रंग ऊर्जा का संचार करता है।
नवरात्र दूसरा दिननवरात्र का दूसरा दिन देवी ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। वो मां दुर्गा का दूसरा अवतार हैं और ज्ञान और बुद्धि का प्रतिनिधित्व करती हैं। वो पूरे सफेद कपड़े पहनती हैं और नंगे पैर चलती हैं। इस दिन का रंग सफेद है, जो शांति और पवित्रता का प्रतिनिधित्व करता है। इस दिन सफेद वस्त्र पहनने से साधक को शांति और भक्ति के लिए मां ब्रह्मचारिणी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
नवरात्र का तीसरा दिननवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। वो देवी दुर्गा का तीसरा अवतार हैं और बहादुरी और सुंदरता का प्रतिनिधित्व करती हैं। ऐसी मान्यता है कि वह लाल रंग के कपड़े पहनती हैं और बाघ की सवारी करती हैं। इस रंग को पहनने से भक्त ऊर्जावान और जीवंत महसूस करते हैं।नवरात्र का चौथा दिननवरात्र का चौथा दिन मां कुष्मांडा का समर्पित है। वह देवी दुर्गा का चौथा अवतार हैं और आनंद और रचनात्मकता का प्रतिनिधित्व करती हैं। देवी नीले रंग के कपड़े पहनती हैं और शेर की सवारी करती हैं। यह रंग स्थिरता और ताकत का प्रतिनिधित्व करता है।
नवरात्र का पांचवा दिननवरात्र का पांचवा दिन स्कंद माता को समर्पित है। वह देवी दुर्गा का पांचवां अवतार हैं और करुणा और मातृत्व का प्रतिनिधित्व करती हैं। साथ ही वो पीले वस्त्र धारण करती हैं। इस दिन का रंग पीला है, जो खुशी और चमक का प्रतिनिधित्व करता है। इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनने से स्कंदमाता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।नवरात्र का छठा दिन
नवरात्र का छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा का विधान है। वो देवी दुर्गा का छठा अवतार हैं और बहादुरी और विजय का प्रतिनिधित्व करती हैं। देवी हरे रंग के वस्त्र धारण करती हैं। इस दिन अगर भक्त हरे रंग के वस्त्र पहनते हैं, तो उन्हें साहस और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।नवरात्र का सातवां दिननवरात्र का सातवां दिन मां कालरात्रि को समर्पित है। वो देवी दुर्गा के सातवें अवतार के रूप में मुक्ति और विनाश का प्रतिनिधित्व करती हैं। वो भूरे रंग के कपड़े पहनती हैं और गधे की सवारी करती हैं। इस दिन का रंग ग्रे है, जो सूक्ष्मता और रहस्य का प्रतिनिधित्व करता है।
नवरात्र का आठवां दिननवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की पूजा का विधान है। वो देवी दुर्गा का आठवां अवतार हैं और लालित्य और सौंदर्य का प्रतिनिधित्व करती हैं। मां महागौरी बैंगनी रंग के कपड़े पहनती हैं। बैंगनी रंग अक्सर धन, ऐश्वर्य और अभिजात वर्ग से जुड़ा होता है। ऐसा कहा जाता है कि यदि आप बैंगनी वस्त्र पहनकर नवदुर्गा की पूजा करते हैं तो मां आपको धन और समृद्धि प्रदान करती हैं।
नवरात्र का नौवां दिननवरात्र का नौवां दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित है, जो सभी सिद्धियां प्रदान करने वाली हैं। वो देवी दुर्गा का नौवां अवतार हैं और पूर्णता का प्रतिनिधित्व करती हैं। मां मोरपंखी हरे रंग के वस्त्र धारण करती हैं। ऐसे में भक्तों को नवरात्र के इस दिन नीले और हरे रंग के इस शानदार शेड को पहनना चाहिए, जिससे उन्हें पूर्णता और आत्मज्ञान प्राप्त होगा।
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।