Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Shardiya Navratri 2024: कैसे हुई शारदीय नवरात्र की शुरुआत? महिषासुर के वध से जुड़ी है इसकी कथा

शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि इस शुभ अवधि के दौरान मां दुर्गा की सच्चे मन से उपासना और व्रत करने से घर में खुशियों का आगमन होता है और परिवार के सदस्यों को माता रानी की कृपा प्राप्त होती है। ऐसे में आइए जानते हैं शारदीय नवरात्र के इतिहास (Shardiya Navratri History) के बारे में।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 25 Sep 2024 04:36 PM (IST)
Hero Image
मां दुर्गा ने किया था महिषासुर का वध

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होती है। इस बार शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2024,)का शुभारंभ 03 अक्टूबर से होगा। वहीं, इस पर्व का समापन 11 अक्टूबर को होगा। इसके अगले दिन यानी 12 अक्टूबर को दशहरा का पर्व मनाया जाएगा। नवरात्र में साधक शुभ फल की प्राप्ति के लिए व्रत रखते हैं। धार्मिक मान्यता है कि शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से जीवन के सभी दुख-दर्द दूर होते हैं। साथ ही माता रानी अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती हैं। कई लोग शारदीय नवरात्र व्रत तो रखते हैं, लेकिन शायद उन्हें इसके इतिहास के बारे में पता नहीं होगा। ऐसे में आइए इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किस प्रकार से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हुई?  

ऐसे हुई शारदीय नवरात्र की शुरुआत

पौराणिक कथा के अनुसार, महिषासुर (Mahishasura) नाम का राक्षस था। उसने तपस्या कर ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान प्राप्त कर लिया था, जिसकी वजह से वह देवताओं को सताने लगा था। वह पृथ्वी और स्वर्ग पर कई तरह के अत्याचार करने लगा।

यह भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2024: नवरात्र में जला रहे हैं अखंड ज्योत, तो जरूर जान लें ये नियम

 

मां दुर्गा ने महिषासुर का किया सामना

देवी-देवताओं ने महिषासुर के अत्याचार से छुटकारा पाने के लिए भगवान शिव और भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु जी से प्रार्थना की। इसके पश्चात देवताओं ने अपनी सभी शक्तियों को मिलाकर मां दुर्गा को प्रकट किया और उन्हें श्रेष्ठ अस्त्र-शस्त्र दिए। इसके बाद मां दुर्गा ने महिषासुर का सामना किया।

मां दुर्गा ने किया वध  

उन दोनों के बीच युद्ध 9 दिनों तक चला और इसके बाद दसवें दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया है और देवी-देवताओं को महिषासुर के अत्याचार से मुक्ति दिलाई। धार्मिक मान्यता है कि देवी-देवताओं ने इन 9 दिनों में मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना कर उन्हें बल प्रदान किया। माना जाता है कि तभी से नवरात्र की शुरुआत हुई।  

शारदीय नवरात्र में मां के इन स्वरूपों की होती पूजा

  • मां शैलपुत्री
  • मां ब्रह्मचारिणी
  • मां चंद्रघंटा
  • मां कूष्मांडा
  • मां स्कंदमाता
  • मां कात्यायनी की पूजा
  • मां कालरात्रि की पूजा
  • मां सिद्धिदात्री की पूजा
  • मां महागौरी की पूजा

यह भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2024: इस नवरात्र घर लाएं ये चीजें, होगा माता रानी का आगमन

 अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।