Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Shardiya Navratri 2024 Day 4: नवरात्र के चौथे दिन इस आरती से करें मां कूष्मांडा की पूजा, भौतिक सुखों में होगी वृद्धि

शारदीय नवरात्र को बहुत ही शुभ माना जाता है। यह हर साल देवी भक्तों द्वारा पूर्ण भक्ति के साथ मनाया जाता है। नवरात्र का चौथा दिन (Shardiya Navratri 2024 4th Day) माता कुष्मांडा को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान देवी दुर्गा के साथ कुष्मांडा माता की पूजा करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही माता रानी की कृपा प्राप्त होती है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 06 Oct 2024 07:00 AM (IST)
Hero Image
Shardiya Navratri 2024 Day 4: इस आरती से करें मां कूष्मांडा की पूजा।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शारदीय नवरात्र पर मां दुर्गा की पूजा होती है। इस दौरान लोग भक्ति के साथ व्रत करते हैं और देवी माता की विधिवत उपासना करते हैं। आज नवरात्र का चौथा दिन है, जो मां कूष्मांडा की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त इस पवित्र व्रत का पालन करते हैं, उन्हें सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में खुशियां आती हैं।

अगर आप देवी दुर्गा की पूर्ण कृपा चाहते हैं, तो आपको मां कूष्मांडा की भव्य आरती (Shardiya Navratri 2024) अवश्य करनी चाहिए और उनका ध्यान करना चाहिए।

।।मां कूष्मांडा की आरती।।

कूष्मांडा जय जग सुखदानी।

मुझ पर दया करो महारानी॥

पिगंला ज्वालामुखी निराली।

शाकंबरी माँ भोली भाली॥

लाखों नाम निराले तेरे ।

भक्त कई मतवाले तेरे॥

भीमा पर्वत पर है डेरा।

स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥

सबकी सुनती हो जगदंबे।

सुख पहुँचती हो माँ अंबे॥

तेरे दर्शन का मैं प्यासा।

पूर्ण कर दो मेरी आशा॥

माँ के मन में ममता भारी।

क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥

तेरे दर पर किया है डेरा।

दूर करो माँ संकट मेरा॥

मेरे कारज पूरे कर दो।

मेरे तुम भंडारे भर दो॥

तेरा दास तुझे ही ध्याए।

भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥

।।अंबे जी की आरती।।

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,

तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी।

दानव दल पर टूट पड़ो मां करके सिंह सवारी॥

सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली,

दुष्टों को तू ही ललकारती।

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

माँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता।

पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥

सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली,

दुखियों के दुखड़े निवारती।

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना।

हम तो मांगें तेरे चरणों में छोटा सा कोना॥

सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली,

सतियों के सत को संवारती।

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली।

वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥

माँ भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली,

भक्तों के कारज तू ही सारती।

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

यह भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2024 4th Day: शारदीय नवरात्र के चौथे दिन करें यह एक काम, सौभाग्य में होगी वृद्धि

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।