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Shardiya Navratri 2024 Day 6: नवरात्र के छठे दिन इस विधि से करें मां कात्यायनी की पूजा, नोट करें प्रिय भोग और पुष्प

नवरात्र के छठवें दिन (Shardiya Navratri 2024 Day 6) मां कात्यायनी की पूजा होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार 8 अक्टूबर यानी कल शारदीय नवरात्र का छठा दिन है जो मां दुर्गा के छठे स्वरूप को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन (Shardiya Navratri 2024) मां कात्यायनी की पूजा करने से कार्यों में आ रही बाधा दूर होती है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 07 Oct 2024 03:32 PM (IST)
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Shardiya Navratri 2024 Day 6: देवी कात्यायनी की पूजा विधि।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शारदीय नवरात्र के छठवें दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा होती है। इस साल 08 अक्टूबर, 2024 दिन मंगलवार को देवी की पूजा की जाएगी। पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां दुर्गा के इस स्वरूप का अवतार कात्यायन ऋषि की पुत्री के रूप में हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त देवी के इस रूप (Shardiya Navratri 2024 Day 6) की पूजा भक्ति भाव के साथ करते हैं, उन्हें जगत जनन की कृपा से सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।

साथ ही जीवन सुखी रहता है, तो आइए इस दिन की पूजा में किसी प्रकार की बाधा न आए इसके लिए कुछ जरूरी बातों को जानते हैं।

देवी कात्यायनी की पूजा विधि (Shardiya Navratri 2024 Day 6 Puja Vidhi)

साधक नवरात्र के छठे दिन सुबह उठें और स्नान करें। फिर साफ वस्त्र धारण करें। मंदिर को साफ करें और मां कात्यायनी की प्रतिमा पर ताजे फूल चढ़ाएं। कुमकुम का तिलक लगाएं। इसके बाद वैदिक मंत्रों का जाप और प्रार्थना करें। मां को कमल का फूल अवश्य चढ़ाएं। फिर उन्हें भोग के रूप में शहद अर्पित। आरती से पूजा को पूर्ण करें और क्षमा प्रार्थना करें।

मां कात्यायनी प्रिय फूल

  • लाल गुड़हल अर्पित करें।

मां कात्यायनी भोग

मां कात्यायनी को शहद और मीठे पान का भोग अत्यंत प्रिय है। इसे अर्पित करने से व्यक्ति के सौंदर्यता में वृद्धि होती है।

मां कात्यायनी प्रिय रंग

मां कात्यायनी को लाल रंग समर्पित है। यह रंग साहस और शक्ति प्रतिनिधित्व करता है। इस दिन लाग रंग धारण करना बेहद शुभ माना जाता है, जो साधक ऐसा करते हैं, उन्हें माता रानी की कृपा से सुरक्षा, वीरता, समृद्धि की प्राप्ति होती है।

देवी कात्यायनी प्रार्थना मंत्र

''चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।

कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी''॥

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।