Shardiya Navratri 2024 Day 8: आठवां दिन मां महागौरी को है समर्पित, इस कथा के पाठ से सभी कष्ट होंगे दूर
शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2024) के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही देवी की कृपा प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है। मां महागौरी (Navratri Day 7 Goddess) राहु ग्रह की स्वामी हैं। मान्यता है कि देवी की पूजा करने से जातक के सभी कष्ट दूर होते हैं और देवी आध्यात्मिक उपलब्धियों का आशीर्वाद देती हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में शारदीय नवरात्र के उत्सव को बेहद उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस शुभ अवधि के दौरान मां दुर्गा के नौ अवतारों की उपासना और व्रत करने का विधान है। पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 10 अक्टूबर को दोपहर में 12 बजकर 31 मिनट पर समाप्त हो चुकी है। ऐसे में आज यानी 10 अक्टूबर को मां महागौरी (Navratri Day Today) की पूजा की जा रही है। वहीं, व्रत 11 अक्टूबर को रखा जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि मां महागौरी (Day 8 Navratri Goddess) की पूजा के दौरान व्रत कथा का पाठ न करने से साधक को पुण्य की प्राप्ति नहीं होती है। इसलिए व्रत कथा का पाठ जरूर करें। इससे जातक को सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके अलावा सुहाग की रक्षा होती है। आइए पढ़ते हैं मां महागौरी की व्रत कथा।
मां महागौरी की व्रत कथा (Maa Mahagauri Vrat Katha)
पौराणिक कथा के अनुसार, मां पार्वती महादेव को पति के रूप में देखना चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने कठोर तपस्या की। इस दौरान उन्होंने जल और अन्न का त्याग कर दिया था। इसी वजह से उनका शरीर काला पड़ गया था। उनकी तपस्या से महादेव प्रसन्न हुए और वह मां पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करने के लिए राजी हुए। भगवान शिव ने मां पार्वती को गंगाजल से पवित्र किया। इसके बाद देवी का शरीर कांतिमय हुआ और उनका का वर्ण सफेद हो गया। इसी वजह से वह मां महागौरी (Today Navratri Day) कहलाईं।
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मां महागौरी मंत्र (Maa Mahagauri Mantra)
मां महागौरी की पूजा के दौरान मंत्रो का जप करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि मां महागौरी के मंत्र का जप करने से देवी भक्तों के सभी पापों को दूर करती हैं। साधक को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके आलावा विवाह में आ रही बाधा से छुटकारा मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।- श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
- देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
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