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Shardiya Navratri 2024: मां महागौरी की पूजा में जरूर करें आरती व मंत्रों का जप, बरसेगी अपार कृपा

नवरात्र के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा का विधान है। देवी के इस रूप की पूजा से साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। पंचांग के अनुसार 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक अष्टमी तिथि रहने वाली है इसलिए इस दिन अष्टमी की पूजा भी की जाएगी। ऐसे में चलिए पढ़ते हैं मां महागौरी की कृपा प्राप्ति के लिए मंत्र व आरती।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 10 Oct 2024 06:57 PM (IST)
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Mahagauri Ki Aarti मां महागौरी की पूजा में जरूर करें आरती व मंत्रों का जप।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्र की पवित्र अवधि में साधक नवदुर्गा की पूजा-अर्चना द्वारा माता रानी की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं। नवरात्र की अष्टमी तिथि भी बहुत ही खास मानी गई हैं, इस दिन पर आदि शक्ति के स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है।

ऐसा माना जाता है कि मां दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा से साधक को सभी प्रकार के रोग-दोष से मुक्ति मिल सकती है। माता की आरती के बिना उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है। इसलिए इस दिन पूजा के दौरान मां महागौरी की पूजा के दौरान उनकी आरती व मंत्रों का पाठ जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से देवी मां प्रसन्न होती हैं और साधक पर अपनी दया दृष्टि बनाए रखती हैं। 

मां महागौरी की आरती (Mahagauri Ki Aarti)

जय महागौरी जगत की माया।

जया उमा भवानी जय महामाया।

हरिद्वार कनखल के पासा।

महागौरी तेरा वहां निवासा।

चंद्रकली और ममता अम्बे।

जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे।

भीमा देवी विमला माता।

कौशिकी देवी जग विख्याता।

हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।

महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा।

सती ‘सत’ हवन कुंड में था जलाया।

उसी धुएं ने रूप काली बनाया।।

बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।

तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया।

तभी मां ने महागौरी नाम पाया।

शरण आनेवाले का संकट मिटाया।

शनिवार को तेरी पूजा जो करता।

मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता।

भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो।

महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो।

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मां महागौरी के मंत्र (Ma Mahagauri Ke mantra) -

ॐ देवी महागौर्यै नमः॥

महागौरी बीज मंत्र -

श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।

महागौरी प्रार्थना मंत्र -

श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।

महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥

प्रार्थना मंत्र -

श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।

महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥

महागौरी स्तुति मंत्र -

या देवी सर्वभूतेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

अन्य मंत्र

ओम देवी महागौर्यै नमः।

माहेश्वरी वृष आरूढ़ कौमारी शिखिवाहना।

श्वेत रूप धरा देवी ईश्वरी वृष वाहना।।

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मां महागौरी ध्यान मंत्र -

वन्दे वाञ्छित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्।

सिंहारूढा चतुर्भुजा महागौरी यशस्विनीम्॥

पूर्णन्दु निभाम् गौरी सोमचक्रस्थिताम् अष्टमम् महागौरी त्रिनेत्राम्।

वराभीतिकरां त्रिशूल डमरूधरां महागौरी भजेम्॥

पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।

मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥

प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोलाम् त्रैलोक्य मोहनम्।

कमनीयां लावण्यां मृणालां चन्दन गन्धलिप्ताम्॥

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।