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Shardiya Navratri के नौ दिनों में इस आसान विधि से करें पूजा, माता की कृपा से भरा रहेगा धन भंडार

03 अक्टूबर से नवरात्र की पवित्र अवधि का शुभारंभ हो चुका है। इस समयावधि को मां दुर्गा के नौ दिनों की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित माना गया है। नवरात्र के हर दिन पर माता के अलग-अलग स्वरूप की आराधना का विधान है। ऐसे में आप हम आपको हर दिन के लिए आसान पूजा विधि (Shardiya Navratri Puja vidhi) बताने जा रहे हैं।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 04 Oct 2024 08:10 AM (IST)
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Shardiya Navratri 2024 नवरात्र के नौ दिनों में इस आसान विधि से करें पूजा (Picture Credit: Freepik)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, नवरात्र की अवधि में सच्चे मन से माता रानी की पूजा-अर्चना करने वाले साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। भक्त इस दौरान माता रानी के निमित्त व्रत भी करते हैं। कई लोगों के पास काम पर जाने के कारण समय की कमी होती है और वह पूरे विधि-विधान से माता की पूजा नहीं कर पाते। ऐसे में चलिए जानते हैं नवरात्र के हर दिन के लिए आसान पूजा विधि।

पहले दिन करें ये काम (Navratri Puja vidhi)

नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना का विधान है। ऐसे में सूर्योदय से पहले उठें स्नान के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। इसके बाद शुभ मुहूर्त में घटस्थापना के लिए सर्वप्रथम उस स्थान को अच्छे से साफ कर लें। इसके बाद चौकी रखें और उसपर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।

अब चौकी के ऊपर थोड़े से धान रखें और कलश स्थापित करें। कलश स्थापित करने से पहले उसमें शुद्ध जल भरकर थोड़ा-सा गंगाजल डालें। इसके बाद चंदन, रोली, हल्दी की गांठ, फूल, दूर्वा, अक्षत, सुपारी और एक सिक्का डालें। इसके बाद कलश पर आम या अशोक के पत्ते रखें और इसके बाद नारियल रख दें। इस बार घट स्थापना के लिए दो शुभ मुहूर्त बन रहे हैं, जो इस प्रकार हैं -

घटस्थापना मुहूर्त - प्रातः 06 बजकर 15 मिनट से सुबह 07 बजकर 22 मिनट तक

घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक

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रोजाना इस तरह करें पूजा

हर दिन पूजा करने से पहले खुद पर गंगाजल छिड़क कर तिलक लगाएं और दीपक जलाएं। सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा करें, इसके बाद माता पार्वती और कलश की पूजा करें। इसके बाद दिन के अनुसार, माता की पूजा शुरू करें। पूजा में मां दुर्गा को फूल, रोली, दीप, दूध व प्रसाद आदि चढ़ाएं और अंत में माता रानी की आरती करें। अब सभी में प्रसाद बांटें।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।