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Shardiya Navratri 2024: नवरात्र में मां दुर्गा के इन चमत्कारी मंदिरों के करें दर्शन, पूर्ण होंगी सभी इच्छाएं

पंचांग के अनुसार आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2024) की शुरुआत हो चुकी है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान सच्चे भाव के साथ कठिन उपवास का पालन करने और पूजा करने से सुख और शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में मंगल ही मंगल होता है तो आइए माता रानी के कुछ मंदिरों के बारे में जानते हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 04 Oct 2024 02:29 PM (IST)
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Shardiya Navratri 2024: नवरात्र में अवश्य करें मां दुर्गा के इन मंदिरों का दर्शन।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में शारदीय नवरात्र का बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह पर्व लगातार 9 दिनों और रातों तक बहुत भाव के साथ मनाया जाता है। इस दौरान लोग विभिन्न प्रकार के पूजा अनुष्ठान से देवी दुर्गा और उनके नौ रूपों को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। अश्विन माह के नवरात्र (Shardiya Navratri 2024) की शुरुआत हो चुकी है। वहीं, इसका समापन दशहरा के साथ होगा, जो कि 12 अक्टूबर को है।

ऐसा माना जाता है कि इस दौरान माता रानी के कुछ ऐसे मंदिर (Maa Durga Devine Temples) हैं, उनके दर्शन करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है, तो आइए उनके नाम जानते हैं।

नवरात्र में अवश्य करें मां दुर्गा के इन मंदिरों के दर्शन (Maa Durga Famous Temples)

मनसा देवी मंदिर, हरिद्वार

मनसा देवी मंदिर उत्तराखंड के पवित्र शहर हरिद्वार में स्थित है। यह मां मनसा को समर्पित हैं, जो भगवान शिव की मानस पुत्री हैं। इनका प्रादुर्भाव मस्तक से हुआ है इसलिए इनका नाम मनसा पड़ा। ऐसा कहा जाता है कि यहां पर सच्चे मन से मांगी गई हर इच्छा पूर्ण होती है।

नवरात्र के दौरान हरिद्वार के इस दिव्य मंदिर में भारी भीड़ उमड़ती है। बता दें, भारत में और भी कई मां मनसा के मंदिर हैं, लेकिन यह सभी में से प्रमुख माना जाता है।

हिडिम्बा मंदिर, मनाली

हिमाचल प्रदेश के मनाली में हिमालय की तलहटी में स्थित हिडिम्बा मंदिर का नाम देवी हिडिम्बा के नाम पर पड़ा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हिडिम्बा अपने भाई हिडिम्ब के साथ इस क्षेत्र में रहती थी। राक्षस के रूप में जन्मी हिडिम्बा ने उस व्यक्ति से शादी करने की कसम खाई थी, जो उनके बहादुर भाई पर विजय प्राप्त कर लेगा। उनके इस प्रण पर भीम खरे उतरे और फिर उन्होंने उनसे विवाह कर लिया था।

ऐसा कहा जाता है कि इस धाम में दर्शन मात्र से व्यक्ति को दिव्य शक्तियों की अनुभूति होती है। साथ ही अधूरी इच्छाएं पूरी होती हैं।

चामुंडेश्वरी मंदिर, मैसूर

चामुंडा देवी को देवी दुर्गा का सबसे उग्र स्वरूप माना जाता है। उन्हें यह नाम चंड और मुंड का वध करने के पश्चात प्राप्त हुआ था। यह धाम मैसूर से लगभग 13 किमी दूर चामुंडी पहाड़ियों पर स्थित, जो सदियों से मैसूर के राजाओं द्वारा पूजा जाता था। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है।

ऐसी माना है कि इस स्थान पर देवी सती के बाल गिरे थे। ऐसे में जो साधक नवरात्र के दौरान यहां दर्शन करने के लिए आते हैं उनके सभी दुखों का अंत होता है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।