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Shardiya Navratri 2024 Day 4: नवरात्र में कर रहे हैं ये गलतियां तो हो जाएं सावधान, नोट करें पूजा मुहूर्त

नवरात्र के चौथे दिन (Shardiya Navratri 2024 Day 4) मां कुष्मांडा की पूजा का विधान है। हिंदू पंचांग के अनुसार 6 अक्टूबर यानी आज शारदीय नवरात्र का चौथा दिन है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन (Shardiya Navratri 2024) मां कुष्मांडा की पूजा करने से जीवन के सभी कष्टों का अंत होता है तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 06 Oct 2024 09:35 AM (IST)
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Shardiya Navratri 2024 Day 4: मां कुष्मांडा की शाम का पूजा मुहूर्त और नियम।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शारदीय नवरात्र नौ दिनों का पावन त्योहार है, जो 12 अक्टूबर को समाप्त होगा। प्रत्येक दिन, भक्त देवी दुर्गा और उनके नौ अवतारों की पूजा करते हैं। नौ रूपों को नवदुर्गा के नाम से भी जाना जाता है, जिनमें मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री हैं। चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा (Shardiya Navratri 2024 day 4 Puja) की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि देवी के इस स्वरूप की पूजा करने से जीवन में आ रही बाधाएं समाप्त होती हैं।

वहीं, नवरात्र के दौरान रात्रि पूजा का विशेष महत्व है, तो देवी पूजा का मुहूर्त जानते हैं, जिसमें पूजा करके आपका सोया हुआ भाग्य भी जाग सकता है। इसके साथ ही चौथे दिन के कुछ नियम हैं, उन्हें भी जानना बहुत ज्यादा जरूरी है।

मां कुष्मांडा की शाम का पूजा मुहूर्त (Shardiya Navratri 2024 Day 4 Puja Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार रवि योग सुबह 06 बजकर 17 मिनट से अगले दिन मध्य रात्रि 12 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। इसके बाद गोधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 03 मिनट से 06 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। फिर निशिता मुहूर्त रात्रि 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। ये सभी मुहूर्त देवी पूजा के लिए अत्यंत उत्तम माने जाते हैं, इस दौरान आप माता रानी को प्रसन्न करके उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

न करें ये गलतियां

  • भक्तों को जल्दी उठना चाहिए और पवित्र स्नान करना चाहिए।
  • तामसिक चीजें जैसे - शराब, तंबाकू और मांसाहारी भोजन के सेवन से बचना चाहिए।
  • नवरात्र के दौरान नाखून काटने, बाल कटवाने या दाढ़ी काटने से भी बचना चाहिए।
  • व्रती को दिन में नहीं सोना चाहिए।
  • पूजा करने वाले या व्रत रखने वाले भक्तों को त्योहार के अनुष्ठानों को करते समय हमेशा साफ कपड़े पहनने चाहिए और चमड़े से बने कपड़े या सहायक उपकरण नहीं पहनने चाहिए। इसके साथ ही उन्हें काले कपड़े पहनने से भी बचना चाहिए।
  • बच्चों, गर्भवती महिलाओं या गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को व्रत रखने से बचना चाहिए।
  • इन नौ दिनों के दौरान, मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा करें और अपने अंदर दूसरों के प्रति दया का भाव रखें।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।