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Shardiya navratri 2024: नवरात्रि के पांचवें दिन करें देवी स्कंदमाता की आरती, भर जाएगी खाली झोली

नवरात्र के पांचवें दिन (Shardiya Navratri 2024 Day 5) मां स्कंदमाता की पूजा का विधान है। वैदिक पंचांग के अनुसार 7 अक्टूबर यानी कल शारदीय नवरात्र का पांचवा दिन है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन (Shardiya Navratri 2024) स्कंदमाता की पूजा करने से जीवन के सभी मुश्किलों का अंत होता है तो आइए इस शुभ दिन को और विशेष बनाने के लिए मां की भव्य आरती करते हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 06 Oct 2024 02:03 PM (IST)
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Shardiya navratri 2024: नवरात्रि के पांचवें दिन करें मां स्कंदमाता की आरती।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शारदीय नवरात्र का पर्व बहुत ज्यादा शुभ माना जाता है। यह समय देवी दुर्गा की पूजा और गहन भक्ति के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान (Shardiya Navratri 2024 Day 5) माता रानी की खास पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसके साथ ही मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 7 अक्टूबर यानी कल मां स्कंदमाता की पूजा का विधान है।

ऐसे में इस दिन सुबह उठकर स्नान करें। फिर मां को पांच तरह के फल, फूल और मिठाई अर्पित करें। इसके बाद मां एक लय में मां की भव्य आरती करें। इससे आपके जीवन में संतान से जुड़ी सभी मुश्किलें समाप्त होंगी।

।।स्कंदमाता की आरती।।

जय तेरी हो स्कंद माता।

पांचवां नाम तुम्हारा आता॥

सबके मन की जानन हारी।

जग जननी सबकी महतारी॥

तेरी जोत जलाता रहू मैं।

हरदम तुझे ध्याता रहू मै॥

कई नामों से तुझे पुकारा।

मुझे एक है तेरा सहारा॥

कही पहाडो पर है डेरा।

कई शहरों में तेरा बसेरा॥

हर मंदिर में तेरे नजारे।

गुण गाए तेरे भक्त प्यारे॥

भक्ति अपनी मुझे दिला दो।

शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो॥

इंद्र आदि देवता मिल सारे।

करे पुकार तुम्हारे द्वारे॥

दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए।

तू ही खंडा हाथ उठाए॥

दासों को सदा बचाने आयी।

भक्त की आस पुजाने आयी॥

पूजन मंत्र

1. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

2. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।