Shardiya Navratri 2024: नवरात्र में करें श्रीफल के ये उपाय, जल्द प्राप्त होगा परिश्रम का पूर्ण फल
आज नवरात्र का दूसरा दिन है जो माता ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल 3 अक्टूबर 2024 को शारदीय नवरात्र की शुरुआत हुई है। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान (Shardiya Navratri 2024) जो साधक माता रानी की पूजा करते हैं उनके जीवन में खुशियों का आगमन होता है। साथ ही सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शारदीय नवरात्र का समय बेहद शुभ माना जाता है। यह नौ दिवसीय हिंदू त्योहार पूरे भारत में भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह देवी दुर्गा के नौ दिव्य रूपों की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग मां दुर्गा की पूजा करते हैं, उन्हें सुख और शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन कल्याण की ओर अग्रसर होता है। वहीं, इस दौरान (Shardiya Navratri 2024) ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से उसके शुभ परिणाम तुरंत प्राप्त होने लगते हैं, तो आइए जानते हैं।
शारदीय नवरात्र पर करें श्रीफल के ये उपाय (Shardiya Navratri 2024 Upay)
शनि दोष से मुक्ति के लिए
जो लोग शनि दोष, ढैय्या या फिर साढ़ेसाती के प्रभाव को कम करना चाहते हैं, उन्हें नवरात्र के दौरान किसी भी पवित्र नदी में एक नारियल लेकर भाव के साथ 'ॐ रामदूताय नम:' जाप करते हुए प्रवाहित (Shardiya Navratri 2024 Shri Phal)करना चाहिए। ऐसा करने से शनिदेव का नकारात्मक प्रभाव समाप्त होता है। साथ ही शनि देव खुश होते हैं।नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के लिए
यदि आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो गया है, तो शारदीय नवरात्र के दौरान लाल कपड़े में एक नारियल बांधकर भगवान गणेश को अर्पित करें। इसके बाद इस नारियल को मुख्य द्वार पर टांग दें। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होगी।
परिश्रम फल प्राप्ति हेतु
कठिन परिश्रम के बाद भी अगर आपको उसका फल नहीं प्राप्त हो रहा है, तो आपको नवरात्र के समय भगवान श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा विधि अनुसार करनी चाहिए। साथ ही एक पीले कपड़े में नारियल लपेट कर उन्हें अर्पित करना चाहिए। इस उपाय को करने से आपको आपकी मेहनत का फल जल्द ही प्राप्त होगा।यह भी पढ़ें: Shardiya Navratri के नौ दिनों में इस आसान विधि से करें पूजा, माता की कृपा से भरा रहेगा धन भंडारअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।