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Shardiya Navratri 2024: नवदुर्गा के किस स्वरूप की पूजा से मिलता है क्या लाभ, जरूर जानें

नवरात्र (Shardiya Navratri 2024) के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना का विधान है। इससे साधक को माता रानी की कृपा से कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। नवदुर्गा के प्रत्येक रूप की पूजा का अपना महत्व और लाभ है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि देवी दुर्गा के किस स्वरूप की पूजा से व्यक्ति को जीवन में क्या परिणाम मिल सकते हैं।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 03 Oct 2024 12:45 PM (IST)
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Shardiya Navratri 2024: किस आदिशक्ति की आराधना से मिलता है क्या लाभ
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गुरुवार, 03 अक्टूबर के दिन से नवरात्र का शुभारंभ हो चुका है। नवरात्र के पहले दिन भक्त घटस्थापना के बाद मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना करते हैं। हर दिन माता दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है और प्रत्येक दिन के लिए अलग-अलग रंग भी बताए गए हैं। यदि आप दिन के अनुसार, इन रंगों को धारण कर नवरात्र की पूजा करते हैं, तो इससे आपको जीवन में काफी लाभ देखने को मिल सकता है।

1. माता शैलपुत्री

नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप यानी मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाती है। आदिशक्ति के इस स्वरूप को सौम्यता, करुणा, स्नेह और धैर्य का प्रतीक माना जाता है। 03 अक्टूबर को नवरात्र के प्रथम दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाएगी। क्योंकि इस दिन गुरुवार पड़ रहा है, तो ऐसे में आप पीले रंग के वस्त्र पहनकर मां शैलपुत्री की पूजा कर सकते हैं। ऐसा करने से आपके जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना से साधक के विवाह में आ रही अड़चने भी दूर हो सकती हैं।

2. मां ब्रह्मचारिणी

नवदुर्गाओं में दूसरी आदिशक्ति यानी ब्रह्मचारिणी माता की पूजा नवरात्र के दूसरे दिन करने का विधान है। ऐसे में माता ब्रह्मचारिणी की पूजा 04 अक्टूबर को की जाएगी। आपको हरे रंग के वस्त्र धारण कर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से आपको किसी भी नई चीज की शुरुआत में लाभ मिल सकता है। साथ ही मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से ज्ञान, एकाग्रता, और आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है।

3. मां चंद्रघंटा

नवरात्र के तीसरे दिन यानी 05 अक्टूबर को मां चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी। इस दिन आप स्लेटी रंग के कपड़े धारण कर मां दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा कर सकते हैं। मां चंद्रघंटा की पूजा से न केवल साधक को ऐश्वर्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है, बल्कि माता की कृपा से साधक की बौद्धिक क्षमता का विकास होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है।

4. मां कुष्मांडा

नवरात्र के चौथे दिन यानी रविवार, 06 अक्टूबर को मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना की जाएगी। आदिशक्ति का यह स्वरूप दिव्‍य और अलौकिक है। आपको मां कुष्मांडा की पूजा में नारंगी रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। ऐसा माना जाता है कि मां कुष्मांडा की आराधना से साधक को आरोग्य जीवन की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही साधक के आयु, यश, और बल में भी वृद्धि होती है।

5. मां स्कंदमाता

नवरात्र के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा-अर्चना का विधान है। ऐसे में शारदीय नवरात्र में मां स्कंदमाता की पूजा 07 अक्टूबर को की जाएगी। आदि शक्ति के इस स्वरूप की पूजा आप सफेद रंग के वस्त्र धारण करके कर सकते हैं। मां दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा से भक्तों को परम शांति और सुख की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही निःसंतानों के लिए भी मां स्कंदमाता की पूजा किसी वरदान से कम नहीं मानी जाती।

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6. मां कात्यायनी

नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। इस बार मंगलवार, 08 अक्टूबर को देवी के इस स्वरूप की पूजा की जाएगी। ऐसे में आप मां कात्यायनी की पूजा के दौरान लाल रंग के कपड़े पहन सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि देवी कात्यायनी की पूजा से गुरु ग्रह की स्थिति मजबूत होती है। साथ ही इनकी पूजा से शत्रुओं का भय भी दूर होता है।

7. मां कालरात्रि

नवरात्र के सातवें दिन यानी बुधवार 09 अक्टूबर मां कालरात्रि की उपासना की जाएगी। मां कालरात्रि की पूजा गहरे नीले के कपड़े पहनकर की जानी चाहिए। ऐसा करने से आपको सभी तरह के संकटों से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही मां काली की आराधना करने से व्यक्ति भयमुक्त रहता है और उसे अकाल मृत्यु से भय से भी मुक्ति मिलती है।

8. माता महागौरी

नवरात्र के आठवें दिन माता महागौरी की पूजा-अर्चना का विधान है। ऐसे में शारदीय नवरात्र में देवी के इस स्वरूप की पूजा 10 अक्टूबर को की जाएगी। मां पार्वती का यह स्वरूप काफी सरस और मोहक है। आप इनकी पूजा गुलाबी रंग के वस्त्र पहनकर कर सकते हैं। ऐसा करने से साधक सभी प्रकार की रोग व व्याधि से दूर रहता है। साथ ही इनकी पूजा से सभी ग्रह दोष भी दूर हो सकते हैं।

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9. मां सिद्धिदात्री

नवरात्र के आखिरी यानी नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। ऐसे में इस बार यह पूजा शुक्रवार, 11 अक्टूबर को की जाएगी। आप मां सिद्धिदात्री की पूजा में बैंगनी रंग के वस्त्र धारण कर सकते हैं। मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती के इस स्वरूप की पूजा करने से साधक को अष्टसिद्धि की प्राप्ति होती है और उसके सभी काम बिना किसी बाधा के पूरे होने लगते हैं।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।