Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Shardiya Navratri 2025: नवरात्र के 9 दिन, नौ देवियों को चढ़ाएं ये फूल, पूरे साल बरसेगी अंबे मां की कृपा

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 04:00 PM (IST)

    शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2025) मां दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है। इस साल यह 22 सितंबर 2025 से शुरू हो रहा है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। प्रत्येक देवी को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग फूल अर्पित किए जाते हैं तो आइए उन दिव्य फूलों के बारे में जानते हैं।

    Hero Image
    Shardiya Navratri 2025: मां दुर्गा के प्रिय फूल।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शारदीय नवरात्र मां दुर्गा की पूजा के लिए बहुत शुभ माना जाता है। यह मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित है। इस साल यह महापर्व (Shardiya Navratri 2025) 22 सितंबर 2025 से शुरू हो रहा है। हर देवी की पूजा का अपना विशेष महत्व है और उन्हें खुश करने के लिए कुछ विशेष चीजें अर्पित की जाती हैं, जिनमें फूल चढ़ाना सबसे प्रमुख हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मान्यता है कि प्रत्येक देवी को उनके प्रिय फूल अर्पित करने से वे जल्द ही प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं, तो आइए नौ देवियों के प्रिय फूल कौन से हैं? इस आर्टिकल में जानते हैं।

    नौ देवियों को चढ़ाएं ये फूल (Offer These Flowers To The 9 Goddesses)

    • पहला दिन मां शैलपुत्री का है। देवी को गुड़हल, सफेद कनेर या चमेली के फूल बहुत प्रिय हैं। मां शैलपुत्री को ये फूल चढ़ाने से सुख, शांति और स्थिरता की प्राप्ति होती है।
    • दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी का है। देवी को कमल का फूल चढ़ाना शुभ माना जाता है। कहते हैं कि मां ब्रह्मचारिणी को ये फूल अर्पित करने से ज्ञान की प्राप्ति होती है।
    • तीसरा दिन मां चंद्रघंटा का है। मां का प्रिय फूल कमल, बेला और चमेली है। देवी को ये फूल चढ़ाने से साहस, पराक्रम की प्राप्ति होती है।
    • चौथा दिन का मां कूष्मांडा का है। माता रानी को गुड़हल व पीले कनेर के फूल पसंद हैं। कहा जाता है कि इन फूलों को चढ़ाने से रोग-शोक दूर होते हैं और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
    • पांचवां दिन मां स्कंदमाता का है। देवी को कमल, गुड़हल और गुलाब का फूल बहुत प्रिय है। स्कंदमाता माता को कमल का फूल चढ़ाने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही संतान से जुड़ी मुश्किलें दूर होती हैं।
    • छठा दिन मां कात्यायनी का है। देवी को गेंदा, कमल व गुड़हल का फूल अर्पित करना बहुत फलदायी माना जाता है। कहते हैं कि ये फूल अर्पित करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।
    • सातवां दिन मां कालरात्रि का है। देवी का प्रिय फूल रातरानी व गुड़हल है। ये फूल चढ़ाने से भय, दुख और नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है।
    • आठवां दिन मां महागौरी का है। मां का प्रिय फूल सफेद मोगरा व बेला, चमेली है। मां महागौरी को सफेद फूल बहुत प्रिय हैं। इन्हें चढ़ाने से पापों से मुक्ति मिलती है।
    • नौवां दिन मां सिद्धिदात्री का है। जगदंबा का प्रिय फूल कमल व चंपा है। ये फूल अर्पित करने से सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है और हर काम में सफलता मिलती है।

    फूल चढ़ाते समय इन बातों का रखें ध्यान

    • फूल हमेशा ताजे और साफ होने चाहिए।
    • बासी या मुरझाए हुए फूल कभी न चढ़ाएं।
    • फूलों को तोड़ने से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
    • फूल चढ़ाते समय मन में पूरी श्रद्धा और भक्ति होनी चाहिए।
    • अगर कोई विशेष फूल न मिल पाए, तो आप गुड़हल के फूल भी देवी को चढ़ा सकते हैं, क्योंकि यह माता रानी का प्रिय है।

    यह भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र में घर में लगाएं ये पौधे, बनेंगे बिगड़े काम

    यह भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र के पहले दिन करें इन मंत्रों का जाप, खुल जाएगी सोई किस्मत

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।