Shardiya Navratri Navami 2024: कब है नवमी? नोट करें सही डेट एवं पूजा का शुभ मुहूर्त
माँ सिद्धिदात्री की महिमा अपरंपार है। मां सिद्धिदात्री के भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस शुभ अवसर पर साधक श्रद्धा भाव से मां सिद्धिदात्री की पूजा की करते हैं। इस दिन सुकर्मा योग (Navratri Navami 2024 Date) का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इसके साथ ही कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में जगत जननी की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होगी।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 08 Oct 2024 10:34 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि मां सिद्धिदात्री को समर्पित है। इस शुभ तिथि पर मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। धार्मिक मत है कि मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से सभी प्रकार के सकारात्मक कार्यों में सिद्धि मिलती है। इसके साथ ही आय, सुख और सौभाग्य में समय के साथ बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा, साधक को शत्रुओं पर विजयश्री मिलती है। इसके लिए साधक श्रद्धा भाव से मां सिद्धिदात्री की पूजा (Navratri Navami Puja Vidhi) करते हैं। इस वर्ष 11 अक्टूबर को अष्टमी है। साधक नवमी तिथि को लेकर दुविधा हैं। आइए, शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-
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नवमी शुभ मुहूर्त (Durga Navami Shubh Muhurat)
आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 11 अक्टूबर को भारतीय समयानुसार दोपहर 12 बजकर 07 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, नवमी तिथि का समापन 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर होगा। 12 अक्टूबर को विजयादशमी मनाई जाएगी।
कब है नवमी ? (Navratri Navami 2024 Date)
शारदीय नवरात्र की शुरुआत आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। वहीं, समापन नवमी तिथि को होता है। इस वर्ष शारदीय नवरात्र 03 अक्टूबर से लेकर 11 अक्टूबर तक है। इसके अगले दिन दशहरा है। ज्योतिषियों की मानें तो सप्तमी और अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर को है। हालांकि, अष्टमी तिथि का समापन 11 अक्टूबर को होगा। सप्तमी एवं अष्टमी तिथि एक साथ होने पर दुर्गाष्टमी अगले दिन मनाई जाती है। इस प्रकार 11 अक्टूबर को अष्टमी का व्रत रखा जाएगा। वहीं, 11 अक्टूबर को दोपहर में नवमी तिथि शुरू होगी और 12 अक्टूबर को सुबह 11 बजे समाप्त हो जाएगी। इसके लिए शारदीय नवरात्र की नवमी 11 अक्टूबर को मनाई जाएगी। वहीं, 12 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा।पंचांग
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 20 मिनट परसूर्यास्त - शाम 05 बजकर 55 मिनट परचन्द्रोदय- दोपहर 01 बजकर 55 मिनट परचंद्रास्त- रात 12 बजकर 19 मिनट परब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 41 मिनट से 05 बजकर 30 मिनट तकविजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 03 मिनट से 02 बजकर 50 मिनट तकगोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 55 मिनट से 06 बजकर 20 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तकयह भी पढ़ें: वर्षों बाद महाष्टमी पर 'सुकर्मा' योग का हो रहा है निर्माण, प्राप्त होगा दोगुना फलअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।