Sheetala Ashtami 2023: शीतला अष्टमी पर जरूर करें ये दो काम, दुख-दर्द और रोग से मिलेगा छुटकारा
Sheetala Ashtami 2023 शीतला अष्टमी पर मां शीतला की विधिवत पूजा करने से हर तरह के रोगों से बचाव होता है। इसके साथ ही घर से दरिद्रता का नाश होता है। जानिए शीतला अष्टमी के दिन मां की पूजा करने के साथ किस चालीसा और आरती को पढ़ना चाहिए।
By Shivani SinghEdited By: Shivani SinghUpdated: Wed, 15 Mar 2023 08:13 AM (IST)
नई दिल्ली, Sheetala Ashtami 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी का व्रत रखा जा रहा है। आज के दिन मां शीतला कीविधिवत पूजा करने के साथ बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। आज के दिन मां को सप्तमी तिथि को बने हुए मीठे चावल, जौ की रबड़ी, चने की दाल आदि का भोग लगाना चाहिए। इसके साथ ही विधिवत मंत्र, चालीसा के साथ आरती करनी चाहिए। आइए जानते हैं मां शीतला चालीसा और आरती।
Sheetala Ashtami 2023: शीतला अष्टमी व्रत आज, जानिए बसौड़ा पूजन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
माता शीतला चालीसा (Shitala Maa Chalisa)
दोहाजय जय माता शीतला तुमही धरे जो ध्यान। होय बिमल शीतल हृदय विकसे बुद्धी बल ज्ञान।।
घट घट वासी शीतला शीतल प्रभा तुम्हार। शीतल छैंय्या शीतल मैंय्या पल ना दार।।
चौपाईजय जय श्री शीतला भवानी। जय जग जननि सकल गुणधानी।।गृह गृह शक्ति तुम्हारी राजती। पूरन शरन चंद्रसा साजती।।विस्फोटक सी जलत शरीरा। शीतल करत हरत सब पीड़ा।।मात शीतला तव शुभनामा। सबके काहे आवही कामा।।शोक हरी शंकरी भवानी। बाल प्राण रक्षी सुखदानी।।
सूचि बार्जनी कलश कर राजै। मस्तक तेज सूर्य सम साजै।।चौसट योगिन संग दे दावै। पीड़ा ताल मृदंग बजावै।।नंदिनाथ भय रो चिकरावै। सहस शेष शिर पार ना पावै।।धन्य धन्य भात्री महारानी। सुर नर मुनी सब सुयश बधानी।।ज्वाला रूप महाबल कारी। दैत्य एक विश्फोटक भारी।।हर हर प्रविशत कोई दान क्षत। रोग रूप धरी बालक भक्षक।।हाहाकार मचो जग भारी। सत्यो ना जब कोई संकट कारी।।
तब मैंय्या धरि अद्भुत रूपा। कर गई रिपुसही आंधीनी सूपा।।विस्फोटक हि पकड़ी करी लीन्हो। मुसल प्रमाण बहु बिधि कीन्हो।।बहु प्रकार बल बीनती कीन्हा। मैय्या नहीं फल कछु मैं कीन्हा।।अब नही मातु काहू गृह जै हो। जह अपवित्र वही घर रहि हो।।पूजन पाठ मातु जब करी है। भय आनंद सकल दुःख हरी है।।अब भगतन शीतल भय जै हे। विस्फोटक भय घोर न सै हे।।श्री शीतल ही बचे कल्याना। बचन सत्य भाषे भगवाना।।
कलश शीतलाका करवावै। वृजसे विधीवत पाठ करावै।।विस्फोटक भय गृह गृह भाई। भजे तेरी सह यही उपाई।।तुमही शीतला जगकी माता। तुमही पिता जग के सुखदाता।।तुमही जगका अतिसुख सेवी। नमो नमामी शीतले देवी।।नमो सूर्य करवी दुख हरणी। नमो नमो जग तारिणी धरणी।।नमो नमो ग्रहोंके बंदिनी। दुख दारिद्रा निस निखंदिनी।।श्री शीतला शेखला बहला। गुणकी गुणकी मातृ मंगला।।
मात शीतला तुम धनुधारी। शोभित पंचनाम असवारी।।राघव खर बैसाख सुनंदन। कर भग दुरवा कंत निकंदन।।सुनी रत संग शीतला माई। चाही सकल सुख दूर धुराई।।कलका गन गंगा किछु होई। जाकर मंत्र ना औषधी कोई।।हेत मातजी का आराधन। और नही है कोई साधन।