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Shiv Puran Katha: शिव पुराण कथा का श्रवण करने से मिलते हैं कई लाभ, लेकिन पहले जान लें इसके नियम

Shiv Puran Katha Benefits हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण पुराणों में से एक शिव पुराण भी है। यह सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले धार्मिक ग्रंथों में से भी एक है। कभी भी शुभ मुहूर्त में शिव पुराण के पाठ का आयोजन किया जा सकता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिव पुराण का पाठ करने से साधक और उसके समस्त परिवार पर शिव जी का आशीर्वाद बना रहता है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 21 Dec 2023 02:56 PM (IST)
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Shiv Puran Katha: शिव पुराण कथा श्रवण के नियम।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shiv Puran Katha: शिव पुराण 18 पुराणों में से एक है, जिसमें भगवान शिव की लीलाओं और कथाओं का वर्णन मिलता है। इस पुराण में शिव जी की महिमा को कथाओं के रूप में बताया गया है। ऐसे में यदि आप शिव पुराण का पाठ करते हैं तो इससे आपको अनगिनत लाभ मिल सकते हैं, लेकिन इसके कुछ जरूरी नियमों को भी जानना जरूरी है।

मिलते हैं ये लाभ

शिव पुराण की कथा से संतानहीन लोगों सतांन की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही गंभीर रोगों से भी समस्त परिवार के मुक्ति मिलती है। शिव पुराण में इस बात का भी वर्णन मिलता है कि शिव पुराण के श्रवण करने वाले साधकों को शिवलोक में स्थान मिलता है। साथ ही यह भी माना गया है कि इस कथा को सुनने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।

जरूर करें ये काम

शिव पुराण की कथा का श्रवण करने से पहले संकल्प लें कि आप पूरे श्रद्धा भाव और शिव जी का ध्यान करते हुए कथा का श्रवण करेंगे। इसके साथ ही कथा के दौरान पूरे भक्ति भाव से कथा सुनें, क्योंकि ऐसा माना गया है कि मन में विश्वास न होने पर व्यक्ति को पूर्ण फल की प्राप्ति नहीं हो सकती है। आप जब भी शिव पुराण की कथा आयोजन करें तो अपने सगे-संबंधियों को भी आमंत्रित करें ताकि जब इसका लाभ उठा सकें।

ध्यान रखें ये जरूरी नियम

शिव पुराण की कथा कई दिनों तक चलती है। ऐसे में दिन के जितने समय आप कथा का श्रवण कर रहे हैं उस समय तक निराहार रहना चाहिए। साथ ही पाठ का संकल्प लेने वाले व्यक्ति को पाठ पूरा होने तक एक समय ही भोजन करना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि भोजन सात्विक होना चाहिए। साथ ही संकल्प लेने वाले व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन भी जरूर करना चाहिए।

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इन चीजों से करें परहेज

आप जितने दिनों तक शिव पुराण की कथा श्रवण कर रहे हों उतने समय तक बासी भोजन, मसूर की दाल, गाजर, हींग, लहसुन, प्याज, सेम, मांस और शराब आदि के सेवन से परहेज करना चाहिए। वरना आपको कथा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होगा।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'