Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि पर शिव योग का हो रहा है निर्माण, प्राप्त होगा दोगुना फल
शिव पुराण में निहित है कि मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2024) पर देवों के देव महादेव संग मां पार्वती की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। वहीं विवाहित महिलाओं के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। जबकि अविवाहित जातकों की शीघ्र शादी के योग बनते हैं। इस शुभ अवसर पर साधक भक्ति भाव से शिव-शक्ति की पूजा करते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Shivratri 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, 01 सितंबर को मासिक शिवरात्रि है। यह पर्व हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही मनचाहा वर पाने के लिए मासिक शिवरात्रि पर व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। इसके साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। अविवाहित जातक शीघ्र विवाह के लिए मासिक शिवरात्रि पर शिव-शक्ति की पूजा करते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो भाद्रपद माह की मासिक शिवरात्रि पर दुर्लभ शिव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। आइए, शुभ योग के बारे में जानते हैं-
मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त (Masik Shivratri Shubh Muhurat)
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 01 सितंबर को देर रात 03 बजकर 40 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 02 सितंबर को सुबह 05 बजकर 21 मिनट पर होगा। मासिक शिवरात्रि पर निशा काल में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। इसके लिए 01 सितंबर को मासिक शिवरात्रि है। इसके अगले दिन सोमवती अमावस्या है।
शिव योग (Masik Shivratri Shiv Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो मासिक शिवरात्रि पर दुर्लभ शिव योग का संयोग बन रहा है। इस योग का निर्माण संध्याकाल से हो रहा है। शिव योग भारतीय समयानुसार शाम 05 बजकर 51 मिनट पर शुरू होगा, जो पूर्ण रात्रि तक है। इस योग का समापन 02 सितंबर को संध्याकाल 06 बजकर 20 मिनट पर होगा। शिव योग में देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। इसके साथ ही भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
शुभ योग (Masik Shivratri Shiv Yog)
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर अभिजीत मुहूर्त दिन में 11 बजकर 55 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक है। वहीं, विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 28 मिनट से लेकर 03 बजकर 19 मिनट तक है। जबकि, गोधूलि मुहूर्त संध्याकाल 06 बजकर 42 मिनट से लेकर 07 बजकर 05 मिनट तक है।
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