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Shiva Shadakshar Stotra:सावन के आखिरी सोमवार पर करें शिव षडक्षर स्तोत्र का पाठ, जरूर प्रसन्न होंगे भोलेनाथ

Shiva Shadakshar Stotra भगवान शिव का षडक्षर स्तोत्र शंकर जी को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का सरल और अत्यंत प्रभावशाली उपाय है। मान्यता है कि भगवान शिव के षडक्षर स्तोत्र का पाठ कर शंकर जी की स्तुति करने से भगवान शिव अवश्य प्रसन्न होते हैं।

By Jeetesh KumarEdited By: Updated: Mon, 16 Aug 2021 07:12 AM (IST)
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सावन के आखिरी सोमवार पर करें शिव षडक्षर स्तोत्र का पाठ, जरूर प्रसन्न होंगे भोलेनाथ

Shiva Shadakshar Stotra: भगवान शिव का षडक्षर स्तोत्र, शंकर जी को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का सरल और अत्यंत प्रभावशाली उपाय है। पुराणों में वर्णित षडक्षर स्तोत्र में भगवान शिव के स्वरूप और उनकी महिमा की व्याख्या की गई है। इस षडक्षर स्तोत्र में भगवान शिव के अनादि अनंत स्वरूप का वर्णन करने का प्रयास किया गया है। मान्यता है कि भगवान शिव के षडक्षर स्तोत्र का पाठ कर शंकर जी की स्तुति करने से भगवान शिव अवश्य प्रसन्न होते हैं।

सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय माह है। इस माह में भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है। 22 अगस्त को पूर्णिमा के दिन सावन का महीना समाप्त हो रहा है तथा कल 16 अगस्त को सावन का आखिरी सोमवार है। मान्यता है कि इस दिन विधि पूर्वक भगवान शिव का पूजन करना तथा षडक्षर स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान शिव अपने भक्तों के सभी संकट दूर करते हैं तथा उनकी सभी मनोकामना पूरी करते हैं....

शिव षडक्षर स्तोत्रम् ||

ॐकारं बिंदुसंयुक्तं नित्यं ध्यायंति योगिनः ।

कामदं मोक्षदं चैव ॐकाराय नमो नमः ॥१॥

नमंति ऋषयो देवा नमन्त्यप्सरसां गणाः ।

नरा नमंति देवेशं नकाराय नमो नमः ॥२॥

महादेवं महात्मानं महाध्यानं परायणम् ।

महापापहरं देवं मकाराय नमो नमः ॥३॥

शिवं शांतं जगन्नाथं लोकानुग्रहकारकम् ।

शिवमेकपदं नित्यं शिकाराय नमो नमः ॥४॥

वाहनं वृषभो यस्य वासुकिः कंठभूषणम् ।

वामे शक्तिधरं देवं वकाराय नमो नमः ॥५॥

यत्र यत्र स्थितो देवः सर्वव्यापी महेश्वरः ।

यो गुरुः सर्वदेवानां यकाराय नमो नमः ॥६॥

षडक्षरमिदं स्तोत्रं यः पठेच्छिवसंनिधौ ।

शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥७॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'