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Masik Durgashtami 2024: दुर्गाष्टमी पर शिववास योग समेत बन रहे हैं कई अद्भुत संयोग, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम

जगत की देवी मां दुर्गा (Masik Durgashtami 2024) की लीला अपरंपार है। अपने भक्तों पर कृपा-दृष्टि बरसाती हैं। वहीं दुष्टों का संहार करती हैं। मां दुर्गा के शरणागत रहने वाले साधकों को सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। साथ ही साधक के जीवन में मंगल का आगमन होता है। इस दिन साधक भक्ति भाव से मां दुर्गा की पूजा करते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 10 Sep 2024 09:56 PM (IST)
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Masik Durgashtami 2024: मासिक दुर्गाष्टमी का धार्मिक महत्व

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है। इस दिन जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही मां दुर्गा के निमित्त मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मत है कि जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा करने से आय, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साधक श्रद्धा भाव से अष्टमी तिथि पर मां दुर्गा की पूजा करते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही कई मंगलकारी शुभ योग भी बन रहे हैं। इन योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। आइए जानते हैं-

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मासिक दुर्गाष्टमी शुभ मुहूर्त (Masik Durga Ashtami Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 10 सितंबर को रात 11 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी। इस तिथि का समापन 11 सितंबर को रात 11 बजकर 46 मिनट पर होगा। 11 सितंबर को राधा अष्टमी और मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाएगी। जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा निशा काल में होती है। साधक अपनी सुविधा अनुसार समय पर मां दुर्गा की पूजा कर सकते हैं।

मासिक दुर्गाष्टमी शुभ योग (Masik Durga Ashtami Shubh Yog)

ज्योतिषियों की मानें तो मासिक दुर्गाष्टमी पर शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस योग का निर्माण निशा काल में हो रहा है। इस शुभ समय पर साधक मां दुर्गा की कठिन भक्ति करते हैं। कठिन भक्ति से प्रसन्न होकर मां दुर्गा अपने भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करती हैं।

प्रीति योग

मासिक दुर्गाष्टमी पर मंगलकारी प्रीति योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन देर रात 11 बजकर 55 मिनट पर होगा। इसी समय से आयुष्मान योग का निर्माण होगा। कुल मिलाकर कहें तो निशा काल में मां दुर्गा की पूजा हेतु कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं।

रवि योग

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर रवि योग का भी संयोग बन रहा है। इस योग का निर्माण निशा काल में हो रहा है। वहीं, रवि योग का समापन 12 सितंबर को सुबह 06 बजकर 05 मिनट पर होगा। इन योग में जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को आरोग्यता का वरदान प्राप्त होगा।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 04 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 31 मिनट पर

चन्द्रोदय- दोपहर 01 बजकर 20 मिनट पर

चंद्रास्त- रात 11 बजकर 26 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 32 मिनट से 05 बजकर 18 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 22 मिनट से 03 बजकर 12 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 31 मिनट से 06 बजकर 54 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 54 मिनट से 12 बजकर 41 मिनट तक

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।