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श्राद्ध में खरीदारी की नहीं है मनाही, 17 सितंबर तक ये हैं 5 शुभ योग

ज्योतिष के मुहूर्त चिंतामणि ग्रंथ में खरीदारी के मुहूर्त बताए गए हैं। इसके अनुसार श्राद्धपक्ष में खरीदारी करना अशुभ नहीं होता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Sat, 12 Sep 2020 02:05 PM (IST)
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श्राद्ध में खरीदारी की नहीं है मनाही, 17 सितंबर तक ये हैं 5 शुभ योग
ज्योतिष के मुहूर्त चिंतामणि ग्रंथ में खरीदारी के मुहूर्त बताए गए हैं। इसके अनुसार, श्राद्धपक्ष में खरीदारी करना अशुभ नहीं होता है। पितृपक्ष में व्यक्ति अपने पितरों की पूजा करता है। इससे पितृ खुश हो जाते हैं। यह बेहद शुभ माना जाता है। ज्योतिषाचार्य पं. गणेश प्रसाद मिश्र ने बताया है कि केवल श्राद्ध पक्ष में ही नहीं बल्कि सालभर में पितरों की तृप्ति के लिए कई खास दिन होते हैं जिस दिन उनका श्राद्ध किया जाता है। श्राद्धपक्ष मृत्यु या शोक से जुड़ा समय नहीं है। यह समय बल्कि पूजा-पाठ, दान और नियम-संयम से रहने का समय होता है।

ग्रंथों के अनुसार, पूर्वजों की संतुष्टि के लिए किया गया दान और पूजा-पाठ ही श्राद्ध कहलाता है। श्राद्ध के दिनों में शुभ और पवि‍त्र कामों का मनाही नहीं है। हर तरह के गलत काम से बचना चाहिए ना। श्राद्ध में शुभ और पवित्र कामों की मनाही नहीं है ऐसे में इन 16 दिनों तक खरीदारी की जा सकती है। किसी भी ग्रंथ में इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि श्राद्धपक्ष में खरीदारी नहीं करनी चाहिए। पुराणों और स्मृति ग्रंथों में सिर्फ पितरों के लिए श्राद्ध की बात कही गई है।

ज्योतिष ग्रंथ मुहूर्त चिंतामणि में कहा गया है कि खरीदारी पूरे साल की जा सकती है। इसके लिए मुहूर्त भी बताए गए हैं। ऐसा कहा गया है कि केवल मृत्यु सूतक में ही शुभ कामों के लिए खरीदारी नहीं की जा सकती है। इसके अलावा मांगलिक कार्यों के लिए खरीदारी कभी-भी की जा सकती है। कई लोगों में इस तरह का भ्रम भी है कि श्राद्ध पक्ष में कपड़े, घर, गाड़ी आदि की खरीदारी करने से दोष लगता है। या इससे पितृ देव नाराज हो जाते हैं। शास्त्रों के मुताबिक, ये बातें आधारहीन है। नई चीजें खरीदने और सुख बढ़ने से पितृ देवता कभी नाराज नहीं होते बल्कि पितरों के प्रसन्न होने से ही घर में समृद्धि आती है। इसलिए श्राद्ध में खरीदारी की जा सकती है।

इस बार श्राद्ध पक्ष में खरीदारी के लिए यह शुभ मुहूर्त:

श्राद्ध पक्ष में खरीददारी करने के लिए सर्वार्थसिद्धि मुहूर्त 4 और 6 को था। वहीं, अब ये शुभ मुहूर्त 8, 9, 13, 14 और 15 सितंबर को है। इसके साथ ही त्रिपुष्कर योग 8 सितंबर को था। रवि पुष्य योग 13 सितंबर को एवं 2 रवियोग पड़ रहे है।

डिस्क्लेमर-

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. विभिन्स माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी. ''