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Shradh 2024: एक नहीं बल्कि कई पीढ़ियों तक सताता है पितृ दोष, जानिए बचाव के उपाय

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितृ दोष लगने पर व्यक्ति के जीवन में परेशानियां बढ़ सकती हैं। पितृ दोष न केवल उस व्यक्ति तक सीमित रहता है बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि पितृ दोष का प्रभाव कितनी पीढ़ियों तक रहता है और इससे बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Wed, 25 Sep 2024 04:43 PM (IST)
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Shradh 2024: पितृ दोष से मुक्ति के उपाय।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति पर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है, उसे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलने लगती है। वहीं, इसके विपरीत पितरों के नाराज होने पर पितृ दोष का सामना करना पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में मांस-मदिरा का सेवन किया जाता है, उन लोगों से पितृ नाराज रहते हैं। इसी के साथ पाप कर्म भी पितृ दोष का कारण बन सकते हैं।

इतनी पीढ़ियों को करना है प्रभावित

हिंदू पुराणों में माना गया है कि पितृ दोष उसी व्यक्ति तक सीमित नहीं रहता बल्कि उसकी आने वाली सात पीढ़ियों को भी प्रभावित कर सकता है। वहीं पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध कर्म आमतौर पर तीन पीढ़ियों के पूर्वजों के लिए किया जाता है, जिसमें पिता, दादा और परदादा शामिल होते हैं।

मिल सकते हैं ये परिणाम

पितृ दोष के परिणाम स्वरुप घर में लड़ाई-झगड़ा बढ़ जाता है। यहां तक की जातक को संतान की ओर से भी हानि का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा विवाह में देर, संतान प्राप्ति में बाधा और धन संबंधी समस्या उत्पन्न होने लगती है। इसी के साथ जातक को नौकरी से लेकर बिजनेस में लगातार हानि होने लगती है। घर के सदस्य किसी-न-किसी बीमारी से ग्रस्त रहते हैं।

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करें ये उपाय

पितृ दोष से मुक्ति के लिए पितृ पक्ष में श्राद्ध, पिंडदान, दान-पुण्य, पितरों के निमित्त तर्पण और ब्राह्मणों को भोज करवाना चाहिए। इसी के साथ पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए गीता का पाठ करना भी एक उत्तम उपाय माना गया है। वहीं जल में काले तिल को मिलाकर दक्षिण दिशा की ओर अर्घ्य देने से भी आपको पितृ दोष में राहत मिल सकती है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।