Shri Ganesh ji Mantra: बुधवार को इन मंत्रों से करें भगवान गणेश को प्रसन्न, बनने लगेंगे बिगड़े हुए काम
Shri Ganesh ji Mantraबुधवार के दिन भगवान श्री गणेश जी के इन मंत्रों का जाप करना शुभ साबित होगा। मान्यता है कि नियमित रूप से इन गणेश जी के मंत्रों का जाप करने से बिगड़ते हुए काम भी बनने लगते हैं।
By Shivani SinghEdited By: Updated: Wed, 15 Jun 2022 08:50 AM (IST)
नई दिल्ली,Shri Ganesh ji Mantra: हिंदू पंचांग के अनुसार, सप्ताह का हर एक दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है। इसी तरह बुधवार के दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी को समर्पित है। बुधवार के दिन भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा करने के साथ गणेश चालीसा के साथ-साथ इन मंत्रों का जाप करना चाहिए। इन मंत्रों का जाप करने से हर तरह के कष्टों से व्यक्ति को छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही बिगड़े हुए काम भी बनने लगते हैं। तो आइए जानते हैं कि हर काम में सफलता पाने और सुख-समृद्धि के लिए कौन से उपाय करना होगा शुभ।
भगवान गणेश जी का ध्यान करते हुए पूजा आरंभ करें। सबसे पहले जल के साथ फूल और दूर्वा अर्पित करें और दूसरा उनका स्मरण करते हुए उनकी स्तुति का जाप कर लें। भगवान गणेश जी के ये मंत्र हर कष्ट को हर लेंगे।
अष्टविनायक के इन 8 मंत्रों का जप करें
1- सभी कार्य पूर्ण करने के लिएअगर व्यक्ति हर कार्य में सफलता पाना चाहता है, तो नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करें।
वक्र तुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ:।
निर्विघ्नं कुरु मे देव शुभ कार्येषु सर्वदा॥2- भाग्य जगाने के लिएगजानन की वदंना करने के साथ हर कामना पूर्ण करने और भाग्य जगाने के लिए इस मंत्र का जाप करें।नमामि देवं सकलार्थदं तं सुवर्णवर्णं भुजगोपवीतम्ं।गजाननं भास्करमेकदन्तं लम्बोदरं वारिभावसनं च॥3- विघ्नों के लिए
हर तरह की समस्या से छुटकारा पाने के लिए इस मंत्र का पाठ करें। एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं।विध्ननाशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥4- विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥5- शत्रु पर विजय पाने के लिएद्वविमौ ग्रसते भूमिः सर्पो बिलशयानिवं।
राजानं चाविरोद्धारं ब्राह्मणं चाप्रवासिनम्॥6-दुख से छुटकारा पाने के लिएगजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्ं।उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्॥7- परिवार की सुरक्षा के लिएरक्ष रक्ष गणाध्यक्ष रक्ष त्रैलोक्यरक्षकं।भक्तानामभयं कर्ता त्राता भव भवार्णवात्॥8- गणपति की वंदना
केयूरिणं हारकिरीटजुष्टं चतुर्भुजं पाशवराभयानिं।सृणिं वहन्तं गणपं त्रिनेत्रं सचामरस्त्रीयुगलेन युक्तम्॥Pic Credit- Instagram/_bappa_bappa_morya_
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