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Shri Krishna Leela: कृष्ण जी की बात न मानना कालिया नाग को पड़ा था महंगा, पत्थर में हो गया था तब्दील

कृष्ण जी की कई लीलाएं पढ़ने और सुनने को मिलती हैं जिनमें से एक है उनके द्वारा विशाल कालिया नाग पर नृत्य करना। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण ने किस प्रकार कालिया नाग का घमंड तोड़ा था। साथ ही जानेंगे कि कैसे भगवान श्रीकृष्ण की बात को अनसुना करने पर कालिया नाग पत्थर में बदल गया था।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Wed, 28 Aug 2024 03:29 PM (IST)
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Shri Krishna Leela: भगवान श्रीकृष्ण की बात न मानना कालिया नाग को पड़ा था महंगा।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कृष्ण जी ने अपने बचपन में कई लीलाएं की हैं, जिनके पीछे एक खास मकसद भी छिपा होता था। आपने भगवान कृष्ण की कालिया नाग के सिर पर नृत्य करने की कथा भी सुनी होगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान कृष्ण की इस लीला के बाद कालिया पत्थर का बन गया था।

यमुना नदी को कर दिया था विषैला

कालिया नाग, जो बहुत ही विशाल था, यमुना नदी में रहने लगा। जिस कारण उसका विष यमुना के जल में फैलने लगा। इस विषैले जल का प्रभाव आसपास के लोगों पर भी पड़ने लगा, जिससे लोगों में आतंक फैल गया और हर प्राणी यमुना के किनारे जाने से बचने लगा। एक बार जब भगवान श्रीकृष्ण यमुना तट के किनारे पर अपने मित्रों संग गेंद से खेल रहे थे, तो गलती से उनकी गेंद यमुना में जा गिरी। अपने सखाओं के मना करने पर भी भगवान कृष्ण गेंद लेने के लिए यमुना नदी में कूद पड़े।

कालिया और श्रीकृष्ण के बीच हुआ युद्ध

जब वह नदी में अंदर जाने लगे, कालिया नाग ने उन पर हमला करने की कोशिश की। जिससे भगवान कृष्ण और कालिया नाग के बीच युद्ध होने लगा। अंततः कृष्ण जी ने कालिया को हरा दिया, जिससे उस नाग को यह आभास हुआ कि यह कोई साधारण बालक नहीं है और उसने भगवान से क्षमा याचना की। जब भगवान श्रीकृष्ण यमुना नदी से बाहर निकले थे, वो कालिया नाग के मस्तक पर विराजमान थे और उन्होंने कालिया के सिर पर ही नृत्य भी किया। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद सभी लोग अचंभित रह गए।

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कालिया नाग बन गया पत्थर

अपनी इस लीला का बाद भगवान श्रीकृष्ण ने कालिया नाग को यमुना नदी छोड़ने का आदेश दिया। साथ ही यह भी कहा कि पीछे मुड़कर मत देखना, वरना तुम एक पत्थर में बदल हो जाओगे। भगवान कृष्ण की चेतावनी के बाद भी थोड़ी दूर जाने के बाद कालिया ने पीछे मुड़कर देख लिया, जिससे वह पत्थर का बन गया।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।