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Shubh Labh: इसलिए स्वास्तिक के साथ लिखा जाता है शुभ-लाभ, जानिए इसका महत्व और फायदे

Shubh Labh in Hinduism हिंदू धर्म में किसी भी मांगिलक कार्य के दौरान स्वास्तिक चिन्ह के साथ-साथ शुभ लाभ भी लिखा जाता है। यहां शुभ का अर्थ है अच्छाई और लाभ का अर्थ है फायदा। ऐसे में आइए जानते हैं कि शुभ लाभ चिन्ह बनाने का महत्व क्या है और इसे बनाने से साधक को क्या-क्या लाभ मिल सकता है।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiFri, 10 Nov 2023 02:16 PM (IST)
Shubh Labh: इसलिए स्वास्तिक के साथ लिखा जाता है शुभ-लाभ, जानिए इसका महत्व और फायदे
Shubh labh जानिए शुभ-लाभ चिन्ह का महत्व और फायदे।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Shubh Labh: हिंदू धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य के दौरान कई ऐसी चीजें होती हैं जिन्हें शुभ माना जाता है। इन्हें में से एक है शुभ-लाभ का चिन्ह। माना जाता है कि घर के बाहर शुभ-लाभ लिखने पर परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। यहां लाभ लिखने से तात्पर्य है कि साधक अपनी आय और व्यवसाय में लाभ की कामना करता है। वहीं शुभ लिखने का भाव है कि जीवन में शुभता बनी रहे।

कौन हैं शुभ और लाभ

दरअसल शुभ और लाभ भगवान गणेश के दो पुत्र हैं। शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि रिद्धि और सिद्धि जो प्रजापति विश्वकर्मा की पुत्रियां है, उनका विवाह गणेश जी से हुआ था। सिद्धि से शुभ नामक पुत्र का जन्म हुआ और वहीं रिद्धि से 'लाभ' का जन्म हुआ। इन्हें ही शुभ-लाभ के नाम से जाना जाता है। स्वास्तिक को भगवान गणेश का ही रूप माना गया है। यही कारण है कि शुभ-लाभ के चिन्ह स्वास्तिक के साथ बनाए जाते हैं।

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शुभ-लाभ का महत्व

शुभ-लाभ के चिन्हों को घर या कार्यालय में लगाने से सुख-समृद्धि और धन का वास बना रहता है। साथ ही, साधक पर भगवान गणेश जी की कृपा बरसती है। इतना ही नहीं, ज्योतिष शास्त्र में भी चौघड़िया या शुभ मुहूर्त देखते समय उसमें अमृत के अलावा लाभ और शुभ मुहूर्त देखना भी जरूरी माना जाता है।

इस दिशा में बनाना है बेहतर

स्वास्तिक सहित शुभ-लाभ का चिन्ह ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व या उत्तर दिशा में बनाना ज्यादा शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार स्वास्तिक के दाएं-बाएं और शुभ-लाभ लिखने वास्तु दोष दूर होते हैं। इसकी जगह आप अष्टधातु या तांबे से बना स्वास्तिक चिन्ह भी अपने घर में लगा सकते हैं।

Picture Credit: Freepik

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