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Shukra Pradosh Vrat 2022: शुक्र प्रदोष व्रत पर बन रहा है शुभ योग, जाने व्रत तिथि, मुहूर्त और पूजा का समय

Shukra Pradosh Vrat 2022 आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को शुक्र प्रदोष व्रत रखा जाएगा। मान्यता है कि इस दिन प्रदोषकाल में पूजा-पाठ करने से सभी प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं और परिवार में सुख-समृद्धि आती है।

By Shantanoo MishraEdited By: Updated: Mon, 19 Sep 2022 12:38 PM (IST)
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Shukra Pradosh Vrat: अश्विन मास में 23 सितम्बर को 2022 को प्रदोष व्रत रखा जाएगा।

नई दिल्ली, Shukra Pradosh Vrat 2022: हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन देवों के देव महादेव की पूजा का विधान है। हिन्दू पंचांग के अनुसार यह व्रत आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानि 23 सितम्बर को 2022, शुक्रवार (Shukra Pradosh Vrat 2022 Date) को रखा जाएगा। शुक्रवार का दिन होने के कारण यह शुक्र प्रदोष व्रत कहलाएगा। शास्त्रों में इस व्रत को सबसे लाभदायक श्रेणी में रखा गया है। मान्यता है कि व्रत के दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करने से धन, वैभव, सम्पत्ति और सुख-सुविधाओं का आगमन होता है और व्यक्ति के जीवन से सभी प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं। आइए जानते व्रत से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी।

शुक्र प्रदोष व्रत 2022 (Shukra Pradosh Vrat 2022 Muhurat)

त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 23 सितंबर 2022, शुक्रवार सुबह 01:17 से

त्रयोदशी तिथि समाप्त: 24 सितंबर 2022, शनिवार तक

शुक्र प्रदोष व्रत तिथि: 23 सितंबर 2022, शुक्रवार

शुक्र प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त: 23 सितंबर 2022 शाम 06:17 मिनट से रात 08:39 बजे तक

शुक्र प्रदोष व्रत 2022 पर बन रहा है शुभ योग

हिन्दू पंचांग के अनुसार शुक्र प्रदोष व्रत के दिन दो महत्वपूण योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन सिद्ध और साध्य योग बन रहे हैं। सिद्ध योग सुबह 09:56 तक रहेगा जिसके बाद साध्य योग शुरू हो जाएगा। ज्योतिष क्षेत्र में यह दोनों योग बड़े फलदायक हैं। माना जाता है कि इस योग में भगवान शिव की आराधना करने से सभी कार्य सफल हो जाते हैं और मनोकामना की पूर्ति होती है।

इस समय करें पूजा (Pradosh Vrat Puja)

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोषकाल में की जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रदोषकाल का समय सूर्यास्त से लगभग 1 घंटा पहले का समय होता है। मान्यता है कि इस काल में भगवान शिव की आराधना करने से सभी कार्य सफल हो जाते हैं और मनोकामना की पूर्ति होती है। साथ ही धन, समृद्धि और ऐश्वर्य में भी वृद्धि होती है।

डिसक्लेमर

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।