Shukra Puja: धन-वैभव से भरा रहेगा आपका घर, शुक्रवार के दिन जरूर करें इस स्तोत्र का पाठ
Shukra Stotra ka Path शुक्रवार का दिन ग्रह शुक्र की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त इस खास दिन पर साफ- सफाई का ध्यान रखते हुए विधि अनुसार शुक्रदेव की पूजा करते हैं उनका घर सदैव सुख-समृद्धि से भरा रहता है। साथ ही शुक्रवार के दिन शुक्र स्तोत्र का पाठ करना भी बहुत ही फलदायी माना गया है। जो इस प्रकार है -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली।Shukra Stotra: ज्योतिष शास्त्र में शुक्रवार का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। यह दिन माता लक्ष्मी और शुक्र ग्रह की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस विशेष दिन पर साफ- सफाई का ध्यान रखते हुए विधि अनुसार शुक्रदेव की पूजा करते हैं उनका घर सदैव धन-वैभव से भरा रहता है। साथ ही शुक्रवार के दिन शुक्र स्तोत्र का पाठ करना भी बहुत ही फलदायी (Benefits Of Shukra Stotra) माना गया है। जो इस प्रकार है -
यह भी पढ़ें: Bhaum Pradosh Vrat 2024: भौम प्रदोष व्रत पर रवि योग समेत बन रहे हैं ये 4 शुभ संयोग, प्राप्त होगा अक्षय फल
''शुक्र स्तोत्र''
नमस्ते भार्गव श्रेष्ठ देव दानव पूजित।
वृष्टिरोधप्रकर्त्रे च वृष्टिकर्त्रे नमो नम:।।
देवयानीपितस्तुभ्यं वेदवेदांगपारग:।
परेण तपसा शुद्ध शंकरो लोकशंकर:।।
प्राप्तो विद्यां जीवनाख्यां तस्मै शुक्रात्मने नम:।
नमस्तस्मै भगवते भृगुपुत्राय वेधसे।।
तारामण्डलमध्यस्थ स्वभासा भसिताम्बर:।
यस्योदये जगत्सर्वं मंगलार्हं भवेदिह।।
अस्तं याते ह्यरिष्टं स्यात्तस्मै मंगलरूपिणे।
त्रिपुरावासिनो दैत्यान शिवबाणप्रपीडितान।।
विद्यया जीवयच्छुक्रो नमस्ते भृगुनन्दन।
ययातिगुरवे तुभ्यं नमस्ते कविनन्दन।।
बलिराज्यप्रदो जीवस्तस्मै जीवात्मने नम:।
भार्गवाय नमस्तुभ्यं पूर्वं गीर्वाणवन्दितम।।
जीवपुत्राय यो विद्यां प्रादात्तस्मै नमोनम:।
नम: शुक्राय काव्याय भृगुपुत्राय धीमहि।।
नम: कारणरूपाय नमस्ते कारणात्मने।
स्तवराजमिदं पुण्य़ं भार्गवस्य महात्मन:।।
य: पठेच्छुणुयाद वापि लभते वांछित फलम।
पुत्रकामो लभेत्पुत्रान श्रीकामो लभते श्रियम।।
राज्यकामो लभेद्राज्यं स्त्रीकाम: स्त्रियमुत्तमाम।
भृगुवारे प्रयत्नेन पठितव्यं सामहितै:।।
अन्यवारे तु होरायां पूजयेद भृगुनन्दनम।
रोगार्तो मुच्यते रोगाद भयार्तो मुच्यते भयात।।
यद्यत्प्रार्थयते वस्तु तत्तत्प्राप्नोति सर्वदा।
प्रात: काले प्रकर्तव्या भृगुपूजा प्रयत्नत:।।
सर्वपापविनिर्मुक्त: प्राप्नुयाच्छिवसन्निधि:।।
ऐसे करें शुक्र ग्रह को मजबूत
शुक्रदेव का गायत्री मंत्र
ॐ भृगुराजाय विद्महे दिव्य देहाय धीमहि तन्नो शुक्र प्रचोदयात् ।।
शुक्र ग्रह का तांत्रिक मंत्र
ऊँ ह्रीं श्रीं शुक्राय नम:
ऊँ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:
ऊँ वस्त्रं मे देहि शुक्राय स्वाहाशुक्र एकाक्षरी बीज मंत्र ||
शुक्र ग्रह का पौराणिक मंत्र
ऊँ हिमकुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम
सर्वशास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम ।।
यह भी पढ़ें: Swami Vivekananda Jayanti 2024: स्वामी विवेकानन्द के पढ़ें ये अनमोल वचन, जीवन की मुश्किलों को दूर करने में होगी आसानी
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'