Significance Of Swastik: स्वास्तिक बनाने से सिद्ध होते हैं सभी मांगलिक कार्य, जान लें ये अहम बातें
Significance Of Swastik हिंदू धर्म में स्वस्तिक का बेहद ही धार्मिक महत्व है। इसका निर्माण किसी भी शुभ कार्य से पहले होता है जिनके घर में स्वस्तिक बना होता है उनके घर में कभी किसी भी प्रकार की नकारात्मक उर्जा नहीं टिकती है। साथ ही इसके निर्माण से ग्रह दोष वास्तु दोष भी दूर होतें है। यहीं नहीं इसके प्रभाव से मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है।
By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Fri, 10 Nov 2023 01:30 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Significance Of Swastik: सनातन धर्म में स्वास्तिक के चिन्ह को बेहद शुभ माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य से पहले इसे बनाने की परंपरा बेहद पुरानी है। यह चिन्ह भाग्य और कल्याण का प्रतीक है। मांगलिक कार्यों की शुरुआत इसे बनाए बगैर नहीं की जाती है।
शास्त्रों में इसकी तुलना माता लक्ष्मी से की गई है। इसी वजह से इस विशेष चिन्ह का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है।
स्वास्तिक का धार्मिक महत्व
सनातन धर्म में स्वास्तिक का बेहद ही धार्मिक महत्व है। इसका निर्माण किसी भी शुभ कार्य से पहले होता है, जिनके घर में स्वास्तिक बना होता है, उनके घर में कभी किसी भी प्रकार की नकारात्मक उर्जा नहीं टिकती है। साथ ही इसके निर्माण से ग्रह दोष, वास्तु दोष भी दूर होतें है। यहीं नहीं इसके प्रभाव से मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है और सभी मांगलिक कार्य सिद्ध होते हैं।
स्वास्तिक का रंग
शास्त्रों में लाल रंग का स्वास्तिक शुभ माना गया है। इसी वजह से स्वास्तिक को रोली, लाल कुमकुम या फिर लाल चंदन से बनाना चाहिए। भूलकर भी बाजार से बना हुआ स्वास्तिक न लाएं, क्योंकि उसे सही तरीके से नहीं बनाया जाता है। स्वास्तिक को सदैव स्वयं ही बनाना चाहिए।स्वास्तिक से जुड़े उपाय-वास्तु दोष होगा दूर
धार्मिक मान्यता अनुसार, स्वास्तिक का उपयोग वास्तु दोष से छुटकारा पाने के लिए भी किया जाता है। आपके घर में अगर वास्तु दोष है, तो इसे मुख्यद्वार पर बनाएं। ऐसा करने से सभी प्रकार के वास्तु दोष का निवारण होता है। साथ ही घर में धन का आभाव नहीं रहता है।व्यापार में होगा लाभअगर आपको लंबे समय से कारोबार में नुकसान हो रहा है, तो इसके लिए आपको ईशान कोण में सूखी हल्दी से स्वास्तिक का चिह्न बनाना चाहिए। साथ इस उपाय को लगातार 7 दिनों तक करना चाहिए।
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