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Singh Sankranti 2024: सावन महीने में कब मनाई जाएगी सिंह संक्रांति? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

सनातन धर्म में संक्रांति तिथि Singh Sankranti 2024 Date) का विशेष महत्व है। इस अवसर पर साधक गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करते हैं। साथ ही आत्मा के कारक सूर्य देव की पूजा -उपासना करते हैं। सूर्य देव की उपासना करने से जातक को आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। इसके साथ ही कुंडली में सूर्य मजबूत होता है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 29 Jul 2024 09:16 PM (IST)
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Singh Sankranti 2024: सिंह संक्रांति का धार्मक महत्व

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Singh Sankranti 2024: सावन का महीना सिंह राशि के जातकों के लिए बेहद शुभ है। इस महीने में ग्रहों के राजकुमार बुध देव सिंह राशि में विराजमान हैं। इसके साथ ही शुक्र देव भी सिंह राशि में गोचर (31 जुलाई) करने वाले हैं। वहीं, सूर्य देव भी सिंह राशि में गोचर करेंगे। इस दिन सूर्य संक्रांति मनाई जाएगी। ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में सूर्य मजबूत होने से जातक को करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। साथ ही जातक शारीरिक एवं मानसिक रूप से सेहतमंद रहता है। आइए, सिंह संक्रांति की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-  

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सूर्य राशि परिवर्तन ( Surya Gochar 2024)

ज्योतिषीय गणना के अनुसार, आत्मा के कारक सूर्य देव रक्षाबंधन से तीन दिन पूर्व राशि परिवर्तन करेंगे। वर्तमान समय में सूर्य देव कर्क राशि में विराजमान हैं। इस राशि में सूर्य देव 15 अगस्त तक रहेंगे। इसके अगले दिन यानी 16 अगस्त को सिंह राशि में गोचर करेंगे। सूर्य देव 16 अगस्त को संध्याकाल 07 बजकर 53 मिनट पर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। इस दौरान 30 अगस्त को पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र और 13 सितंबर को उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में गोचर करेंगे। वहीं, 16 सितंबर की शाम 07 बजकर 52 मिनट पर सूर्य देव कन्या राशि में गोचर करेंगे।

शुभ मुहूर्त (Singh Sankranti Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार सिंह संक्रांति तिथि पर पुण्य काल दोपहर 12  बजकर 31 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 58 मिनट तक है। वहीं, महा पुण्य काल शाम 04 बजकर 49 मिनट से 06 बजकर 58 मिनट तक है।  साधक पुण्य काल के दौरान गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-दान कर पूजा-पाठ एवं दान-पुण्य कर सकते हैं। वहीं,  महा पुण्य काल के समय दान-पुण्य कर सकते हैं। सिंह संक्रांति के दिन महा पुण्य काल 02 घंटे 09 मिनट का है।

शुभ योग  (Shubh Yog)

सिंह संक्रांति पर प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन भगवान शिव कैलाश पर विराजमान रहेंगे। वहीं, प्रातः काल 09 बजकर 39 मिनट तक भद्रावास योग का भी संयोग बन रहा है। इस दौरान भद्रा स्वर्ग में रहेंगी।   

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।