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Sita Navami 2024: इस शुभ मुहूर्त पर करें देवी सीता की पूजा, मिलेगा सुख-समृद्धि का वरदान

सीता नवमी (Sita Navami 2024) को जानकी नवमी के नाम से भी जाना जाता हैं। इस दिन को लोग बड़े भाव के साथ मनाते हैं। यह त्योहार हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह 16 मई यानी की आज मनाया जाएगा तो आइए इस तिथि से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 16 May 2024 09:12 AM (IST)
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Sita Navami 2024: ऐसे हुआ प्रभु श्रीराम से मां सीता का विवाह

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Sita Navami 2024: सीता नवमी हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो माता सीता की पूजा के लिए समर्पित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन मां जानकी का जन्म हुआ था। यह पर्व पूरे देश में भव्यता के साथ मनाया जाता है। सीता नवमी वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। इस बार यह 16 मई, 2024 यानी की आज मनाई जा रही है।

ऐसे हुआ प्रभु श्रीराम से मां सीता का विवाह

मां सीता के जन्म को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार जब मिथिला के राजा जनक खेत में हल चला रहे थे, तो उन्हें एक घड़ा मिला, जिसमें एक छोटी से बच्ची थी। उस बच्ची को अपने राज्य ले गए, जहां उन्होंने उसका नाम जानकी रखा और उसे अपनी बेटी के रूप में स्वीकार किया। जब देवी सीता बड़ी हो गईं, तो उनके लिए राजा जनक ने एक स्वयंवर का आयोजन किया, जिसमें उनसे विवाह करने के लिए कई बड़े-बड़े सम्राट आएं।

हालांकि राजा जनक ने विवाह के लिए एक शर्त रखी थी कि जो व्यक्ति भगवान शिव के धनुष को तोड़ेगा, वही देवी जानकी से विवाह करेगा। इस शर्त में किसी को भी सफलता नहीं मिली, फिर प्रभु श्रीराम आएं और उस दिव्य धनुष को तोड़ा। इसके बाद भगवान राम का विवाह देवी सीता से हुआ।

सीता नवमी पूजा समय

वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 मई , 2024 दिन गुरुवार सुबह 6 बजकर 22 मिनट पर शुरू हो चुकी है। वहीं, 17 मई, 2024 दिन शुक्रवार सुबह 08 बजकर 48 मिनट पर इसका समापन होगा। उदयातिथि को देखते हुए 16 मई यानी आज सीता नवमी मनाई जाएगी। इसके साथ ही सीता नवमी की पूजा 16 मई सुबह 11 बजकर 04 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 43 मिनट तक कर सकते हैं।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।