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Sita Navami 2024: सीता नवमी पर रवि योग समेत बन रहे हैं ये 4 मंगलकारी संयोग, प्राप्त होगा कई गुना फल

यह पर्व हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन जगत जननी मां सीता का प्राकट्य हुआ था। सनातन शास्त्रों में निहित है कि हल जोतने के समय राजा जनक को मां सीता मिली थीं। इस समय राजा जनक एक वैदिक यज्ञ करवा रहे थे। कालांतर में मां सीता का विवाह मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के साथ हुआ था।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 14 May 2024 10:00 PM (IST)
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Sita Navami 2024: सीता नवमी पर रवि योग समेत बन रहे हैं ये 4 मंगलकारी संयोग
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Sita Navami 2024: ज्योतिष गणना के अनुसार, 16 मई को सीता नवमी है। यह पर्व हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन जगत जननी मां सीता का प्राकट्य हुआ था। सनातन शास्त्रों में निहित है कि हल जोतने के समय राजा जनक को मां सीता मिली थीं। इस समय राजा जनक एक वैदिक यज्ञ करवा रहे थे। कालांतर में मां सीता का विवाह मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के साथ हुआ था। अतः सीता नवमी पर मां जानकी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मत है कि भगवान श्रीराम और मां सीता की पूजा करने से साधक के समस्त दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो सीता नवमी पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में मां सीता की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। आइए, इन शुभ योग के बारे में जानते हैं-

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सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 30 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 06 मिनट पर

चन्द्रोदय- दोपहर 12 बजकर 46 मिनट पर

चंद्रास्त- देर रात 01 बजकर 59 मिनट पर

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 06 मिनट से 04 बजकर 48 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 34 मिनट से 03 बजकर 28 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 04 मिनट से 07 बजकर 25 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक

पूजा हेतु शुभ समय

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 मई को सुबह 06 बजकर 22 मिनट से शुरू होगी और 17 मई को सुबह 08 बजकर 48 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 16 मई को सीता नवमी मनाई जाएगी। इस दिन मां सीता की पूजा के लिए शुभ समय सुबह 10 बजकर 56 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 39 मिनट के मध्य है।

योग

ज्योतिषियों की मानें तो सीता नवमी पर शिववास योग बन रहा है। इस योग का निर्माण नवमी तिथि के समय हो रहा है। इस दिन भगवान शिव, जगत जननी आदिशक्ति मां गौरी के साथ रहेंगे। इस दौरान मां सीता की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। इसके अलावा, सीता नवमी पर रवि योग का भी संयोग बन रहा है। रवि योग संध्याकाल 06 बजकर 14 मिनट से लेकर अगले दिन 17 मई को सुबह 05 बजकर 29 मिनट तक है। वहीं, ध्रुव योग का संयोग सुबह 08 बजकर 23 मिनट तक है। जबकि, बालव करण का योग संध्याकाल 07 बजकर 33 मिनट तक है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।