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Skand Mata Ki Aarti: आज करें स्कंदमाता की आरती और कवच का पाठ, पूरे होंगे सभी मनोरथ

Skand Mata Ki Aarti नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता के पूजन में उनके कवच और आरती का पाठ जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है और आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.....

By Jeetesh KumarEdited By: Updated: Sun, 10 Oct 2021 07:40 AM (IST)
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आज करें स्कंदमाता की आरती और कवच का पाठ, पूरे होंगे सभी मनोरथ
Skand Mata Ki Aarti : भगवान स्कंद की माता होने के कारण मां के पांचवें स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है। इनका पूजन नवरात्रि के पांचवें दिन किया जाता है। हैं। चतुर्भुजी स्कंदमाता अपनी गोद में भगवान कार्तिकेय को धारण करती हैं। कमल के आसन पर विराजमान हैं, इसलिए इन्हें पद्मासन देवी भी कहा जाता है। इनका वाहन भी सिंह है और अपने दोनों हाथों में कमल लिए हुए हैं। मां का स्वरूप सौम्य और अभय प्रदान करने वाला है। स्कंद माता की पूजा के साथ सप्त मातृकाओं का भी पूजन करना चाहिए। इनके पूजन से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है।

स्कंद माता का पूजन में उन्हें केले का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से निरोगी काया और समंपन्नता की प्राप्ति होती है। नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता के पूजन में उनके कवच और आरती का पाठ जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है और आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.....

स्कंद माता का कवच –

ऐं बीजालिंकादेवी पदयुग्मधरापरा।

हृदयंपातुसा देवी कातिकययुताघ्

श्रींहीं हुं ऐं देवी पूर्वस्यांपातुसर्वदा।

सर्वाग में सदा पातुस्कन्धमातापुत्रप्रदाघ्

वाणवाणामृतेहुं फट् बीज समन्विता।

उत्तरस्यातथाग्नेचवारूणेनेत्रतेअवतुघ्

इन्द्राणी भैरवी चौवासितांगीचसंहारिणी।

सर्वदापातुमां देवी चान्यान्यासुहि दिक्षवैघ्।

माता स्कंदमाता की आरती –

जय तेरी हो स्कंद माता

पांचवा नाम तुम्हारा आता

सब के मन की जानन हारी

जग जननी सब की महतारी

तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं

हरदम तुम्हें ध्याता रहूं मैं

कई नामों से तुझे पुकारा

मुझे एक है तेरा सहारा

कहीं पहाड़ों पर है डेरा

कई शहरो मैं तेरा बसेरा

हर मंदिर में तेरे नजारे

गुण गाए तेरे भगत प्यारे

भक्ति अपनी मुझे दिला दो

शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो

इंद्र आदि देवता मिल सारे

करे पुकार तुम्हारे द्वारे

दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए

तुम ही खंडा हाथ उठाए

दास को सदा बचाने आई

'चमन' की आस पुराने आई...

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'