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Skanda Sashti 2023: स्कंद षष्ठी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान कार्तिकेय की उपासना

Skanda Sashti 2023 हिन्दू धर्म में प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन भगवान कार्तिकेय को समर्पित स्कंद षष्ठी व्रत जाता है। मान्यता है कि आज के दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती और भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। भगवान कार्तिकेय देवताओं के सेनापति हैं इसलिए इस दिन पूजा पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Sat, 24 Jun 2023 09:21 AM (IST)
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Skanda Sashti 2023: स्कंद षष्ठी पर जरूर करें इस विधि के भगवान की उपासना।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Skanda Sashti 2023: हिन्दू धर्म में भगवान शिव और उनके परिवार की उपासना का विशेष महत्व है। वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन शिव जी के पुत्र भगवान कार्तिकेय को सम्पर्पित स्कंद षष्ठी व्रत रखा जाता है। बता दें कि आज यानी 24 जून 2023, शनिवार के दिन यह महत्वपूर्ण व्रत रखा जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आज के दिन कार्तिकेय भगवान की पूजा करने से जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं। आइए, जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

ज्येष्ठ मास स्कंद षष्ठी 2023 शुभ मुहूर्त कब? (Skanda Sashti 2023 Date and Shubh Muhurat)

आषाढ़ शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि प्रारंभ- 23 जून रात्रि 07 बजकर 53 मिनट से

आषाढ़ शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि समाप्त- 24 जून रात्रि 10 बजकर 17 मिनट तक

आषाढ़ स्कंद षष्ठी व्रत तिथि- 24 जून 2023, शनिवार

रवि योग- 24 जून सुबह 07 बजकर 19 मिनट से 25 जून सुबह 05 बजकर 25 मिनट तक

सिद्धि योग- 24 जून सुबह 04 बजकर 32 मिनट से 25 जून 05 बजकर 27 मिनट तक

स्कंद षष्ठी 2023 पूजा विधि क्या है? (Skanda Sashti 2023 Puja Vidhi)

आज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और भगवान कार्तिकेय की बालस्वरूप प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद दीपक जलाएं और व्रत का संकल्प लें। ऐसा करने के बाद भगवान कार्तिकेय को चंदन, धूप, दीप, पुष्प, वस्त्र इत्यादि अर्पित करें। फिर उन्हें एक मिष्ठान का भोग लगाएं। आज के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा का भी विशेष महत्व है। पूजा के बाद अंत में भगवान कार्तिकेय की आरती करें।

स्कंद षष्ठी 2023 भगवान कार्तिकेय मंत्र (Kartikey Mantra)

1. ॐ तत्पुरुषाय विद्‍महे: महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोदयात।।

2. ॐ शारवाना-भावाया

नम: ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा,

देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते।।

3. देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव।

कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते।।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।