Skanda Sashti 2024: मई में कब है स्कंद षष्ठी? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
स्कंद देव भगवान शिव माता पार्वती के पुत्र और भगवान गणेश के छोटे भाई हैं। हिंदू धर्म में भगवान कार्तिकेय की पूजा का विशेष महत्व है। हर महीने की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इसी दिन भगवान कार्तिकेय का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को स्कंद षष्ठी के रूप में में मनाया जाता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Skanda Sashti 2024: हर महीने की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव के पुत्र भगवान कार्तिकेय का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को स्कंद षष्ठी के रूप में में मनाया जाता है। शुभ अवसर पर जातक सच्चे मन से स्कंद देवता की पूजा करते हैं और जीवन में सफलता प्राप्ति के लिए व्रत रखते हैं। आइए, मई में पड़ने वाली स्कंद षष्ठी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में जानते हैं।
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स्कंद षष्ठी 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Skanda Sashti 2024 Date and Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि तिथि की शुरुआत 13 मई को सुबह 02 बजकर 03 मिनट से होगी और इसका समापन 14 मई को सुबह 02 बजकर 50 मिनट पर होगा। ऐसे में स्कंद षष्ठी 13 मई को मनाई जाएगी।
स्कंद षष्ठी पूजा विधि (Skanda Sashti Puja Vidhi)
- सुबह जल्दी उठें और स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद मंदिर की सफाई करें।
- चौकी पर कपड़ा बिछाकर भगवान स्कंद देवता की प्रतिमा विराजमान करें।
- फुलमाला अर्पित करें।
- घी का दीपक जलाकर आरती करें।
- भगवान को भोग लगाएं।
- आरती से पूजा का समापन करें।
- अगले दिन प्रसाद से अपना व्रत खोलें।
भगवान स्कंद पूजा मंत्र
- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोदयात:
- देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव। कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥
- ॐ शारवाना-भावाया नम: ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते।