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Skanda Sashti 2024: शाम के समय करें भगवान कार्तिकेय के इस स्तोत्र का पाठ, घर में होगा मां लक्ष्मी का वास

स्कंद षष्ठी का व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस साल चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंद षष्ठी पड़ रही है। यह दिन भगवान मुरुगन की पूजा के लिए समर्पित है। भगवान कार्तिकेय गणेश जी के बड़े भाई और शिव-पार्वती के पुत्र हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो साधक इस दिन का उपवास रखते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं उन्हें धन-वैभव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 13 Apr 2024 02:56 PM (IST)
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Skanda Sashti 2024: श्री कार्तिकेय स्तोत्र और आरती
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Skanda Sashti 2024: भगवान मुरुगन शिव जी और माता पार्वती के पुत्र हैं। ऐसा माना जाता है कि जो साधक स्कंद षष्ठी व्रत का पालन करते हैं और सच्चे भाव से पूजा-पाठ करते हैं उन्हें अपने जीवन में ढेर सारा धन, सुख- शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। इस साल चैत्र नवरात्र के पांचवें दिन यानी 13 अप्रैल को स्कंद षष्ठी पड़ रही है।

अगर आप भगवान मुरुगन का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो इस विशेष दिन 'श्री कार्तिकेय स्तोत्र' का पाठ करें। साथ ही भाव से आरती करें।

।।श्री कार्तिकेय स्तोत्र।।

योगीश्वरो महासेनः कार्तिकेयोऽग्निनन्दनः।

स्कंदः कुमारः सेनानी स्वामी शंकरसंभवः॥

गांगेयस्ताम्रचूडश्च ब्रह्मचारी शिखिध्वजः।

तारकारिरुमापुत्रः क्रोधारिश्च षडाननः॥

शब्दब्रह्मसमुद्रश्च सिद्धः सारस्वतो गुहः।

सनत्कुमारो भगवान् भोगमोक्षफलप्रदः॥

शरजन्मा गणाधीशः पूर्वजो मुक्तिमार्गकृत्।

सर्वागमप्रणेता च वांछितार्थप्रदर्शनः ॥

अष्टाविंशतिनामानि मदीयानीति यः पठेत्।

प्रत्यूषं श्रद्धया युक्तो मूको वाचस्पतिर्भवेत् ॥

महामंत्रमयानीति मम नामानुकीर्तनात्।

महाप्रज्ञामवाप्नोति नात्र कार्या विचारणा ॥

।।भगवान कार्तिकेय की आरती।।

जय जय आरती वेणु गोपाला

वेणु गोपाला वेणु लोला

पाप विदुरा नवनीत चोरा

जय जय आरती वेंकटरमणा

वेंकटरमणा संकटहरणा

सीता राम राधे श्याम

जय जय आरती गौरी मनोहर

गौरी मनोहर भवानी शंकर

सदाशिव उमा महेश्वर

जय जय आरती राज राजेश्वरि

राज राजेश्वरि त्रिपुरसुन्दरि

महा सरस्वती महा लक्ष्मी

महा काली महा लक्ष्मी

जय जय आरती आन्जनेय

आन्जनेय हनुमन्ता

जय जय आरति दत्तात्रेय

दत्तात्रेय त्रिमुर्ति अवतार

जय जय आरती सिद्धि विनायक

सिद्धि विनायक श्री गणेश

जय जय आरती सुब्रह्मण्य

सुब्रह्मण्य कार्तिकेय

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