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Skanda Sashti 2024: आज है स्कंद षष्ठी, इस विधि से करें पूजा, नोट करें शुभ मुहूर्त और मंत्र

स्कंद षष्ठी (Skanda Sashti 2024) का पर्व मुख्य रूप से दक्षिण भारत में अत्यधिक भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस दिन भक्त भगवान कार्तिकेय की पूजा करते हैं जिन्हें स्कंद मुरुगन जैसे कई नामों से जाना जाता है। उनकी सवारी मोर है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग श्रद्धापूर्वक उनकी पूजा करते हैं उन्हें सभी प्रकार की नकारात्मकताओं से छुटकारा मिलता है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 09 Sep 2024 09:55 AM (IST)
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Skanda Sashti 2024: स्कंद षष्ठी की पूजा विधि।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। स्कंद षष्ठी का व्रत बहुत उत्तम माना जाता है। यह हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है। इस बार यह 9 सितंबर, 2024 यानी आज मनाई जा रही है। स्कंद षष्ठी का पर्व भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र भगवान मुरुगन स्वामी को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस दिन भगवान मुरुगन (Lord Kartikeya) की पूजा भाव के साथ करते हैं, उन्हें भक्ति और ज्ञान का वरदान प्राप्त होता है।

इसके साथ ही साधक की सभी मुरादें पूर्ण होती हैं, तो आइए इस पवित्र व्रत (Skanda Sashti September 2024) से जुड़ी कुछ प्रमुख बातों को जानते हैं, जो यहां पर दी गई हैं।

स्कंद षष्ठी का शुभ मुहूर्त (Skanda Sashti 2024 Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 8 सितंबर, 2024 रात 07 बजकर 58 मिनट पर शुरू हो चुकी है। वहीं, इस तिथि का समापन 09 बजकर 48 मिनट पर होगा। इसके बाद सप्तमी तिथि की शुरुआत हो जाएगी। इसके साथ ही आज का विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 23 मिनट से 03 बजकर 13 मिनट तक रहेगा और गोधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 33 मिनट से 06 बजकर 56 मिनट तक रहेगा।

स्कंद षष्ठी की पूजा विधि (Skanda Sashti Ki Puja Vidhi 2024)

  • सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
  • अपने घर और मंदिर को साफ करें और दरवाजे के प्रवेश द्वार पर चावल के आटे से रंगोली बनाएं।
  • भगवान के लिए घर पर ही प्रसाद तैयार करें।
  • एक वेदी पर भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा स्थापित करें और उन्हें तिलक, फूल, माला, इत्र आदि अर्पित करें।
  • देसी घी का दीपक जलाएं और फल, मिष्ठान का भोग लगाएं।
  • मंदिर जाएं और भगवान कार्तिकेय की मूर्ति का पंचामृत से अभिषेक करें।
  • नकारात्मकता से बचने के लिए भगवान स्कंद को नारियल चढ़ाएं।
  • वैदिक मंत्रों का जाप करें और आरती से पूजा को पूर्ण करें।
  • इस दिन भक्तों को तामसिक कार्यों से दूर रहना चाहिए।
  • अगले दिन सुबह सात्विक भोजन से पारण करें।

स्कंद भगवान पूजन मंत्र

  • देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव। कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥
  • ॐ शारवाना-भावाया नम: ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।