Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Skanda Sasthi 2024: इस दिन मनाई जाएगी स्कंद षष्ठी, जानें धार्मिक महत्व, पूजा विधि और मंत्र

Skanda Sasthi 2024 स्कंद षष्ठी का बड़ा ही धार्मिक महत्व है। यह दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण क्योंकि इस दिन भगवान मुरुगन ने तारकासुर और सिंहमुख नामक राक्षसों का वध किया था। ऐसा कहा जाता है कि भगवान मुरुगन ने राक्षसों को मारकर अपने भक्तों के जीवन में शांति स्थापित की थी। तभी से भक्त इस शुभ दिन पर स्कंद भगवान की पूजा करते हैं।

By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Tue, 09 Jan 2024 02:45 PM (IST)
Hero Image
Skanda Sasthi 2024: इस दिन मनाई जाएगी स्कंद षष्ठी

धर्म डेस्क, नई दिल्ली।Skanda Sasthi 2024: स्कंद षष्ठी का पर्व हर माह मनाए जाने वाले मासिक हिंदू त्योहारों में से एक है। इस पर्व का बेहद महत्व है। यह ज्यादातर तमिल लोगों द्वारा मनाया जाता है। इस दिन लोग भक्तिभाव के साथ भगवान स्कंद की पूजा करते हैं।

इस माह यह पर्व 16 जनवरी 2024 को मनाया जाएगा। इस शुभ दिन पर जो जातक सच्चे दिल से स्कंद देव की पूजा करते हैं, उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती है। साथ ही जीवन में बरकत आती है।

स्कंद षष्ठी का धार्मिक महत्व

स्कंद षष्ठी का बड़ा ही धार्मिक महत्व है। यह दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण क्योंकि इस दिन, भगवान मुरुगन ने तारकासुर और सिंहमुख नामक राक्षसों का वध किया था। ऐसा कहा जाता है कि भगवान मुरुगन ने राक्षसों को मारकर अपने भक्तों के जीवन में शांति स्थापित की थी।

तभी से भक्त इस शुभ दिन पर स्कंद भगवान की पूजा करते हैं। स्कंद देव शिव जी और माता पार्वती के पुत्र हैं। उत्तरी भारत में स्कंद जी को भगवान गणेश के बड़े भाई के रूप में पूजा जाता है। भगवान स्कंद के अन्य नाम मुरुगन, कार्तिकेयन और सुब्रमण्यम हैं।

स्कंद षष्ठी पूजा विधि

  • भक्त सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
  • अपने घर का मंदिर साफ करें।
  • भगवान मुरुगन के व्रत का संकल्प लें।
  • भगवान स्कंद की प्रतिमा स्थापित करें।
  • उनके समक्ष घी का दीया जलाएं।
  • फूलों की माला अर्पित करें।
  • भगवान को भोग लगाएं।
  • आरती से पूजा का समापन करें।
  • अगले दिन प्रसाद से अपना व्रत खोलें।

भगवान स्कंद पूजा मंत्र

  • ''ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोदयात:''
  • ''देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव।

    कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥''

  • ''ॐ शारवाना-भावाया नम:

    ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा

    देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते।''

  • डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'