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Sleeping Astrology: शास्त्रों के अनुसार, ये है सोने का सही तरीका, कई समस्याओं से बच जाएंगे आप

Sleeping Astrology in Hindi सोना हमारी दिनचर्या का एक जरूरी अंग है। एक अच्छी नींद व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं से बचा सकती है। हिंदू शास्त्रों में सोने का एक सही तरीका बताया गया है साथ ही यह भी बताया गया है कि आपका बिस्तर कैसा होना चाहिए। इस बातों का ध्यान रखने पर व्यक्ति को अच्छी सेहत का आशीर्वाद मिलता है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 28 Dec 2023 01:31 PM (IST)
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Sleeping tips in hindi शास्त्रों के अनुसार सोने का सही तरीका।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Tips for sleeping: व्यक्ति की सेहत इस बात पर निर्भर करती है कि वह किस तरह की दिनचर्या अपनाता है। ऐसे में सोना भी दिनचर्या का जरूरी हिस्सा है। यहां सोने का अर्थ केवल नींद लेना नहीं है, बल्कि इसका गहरा संबंध हमारी सेहत से भी होता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि शास्त्रों के अनुसार सोने का सही तरीका क्या है।

सोने का सही समय

शास्त्रों में बताया गया है कि, सूर्यास्त के तीन पहर बाद अर्थात सूर्यास्त होने के लगभग तीन घंटे बाद तक व्यक्ति सो जाना चाहिए। वहीं सूर्योदय के बाद सोना सेहत की दृष्टि से अच्छा नहीं माना जाता है। साथ ही संध्या के समय सोना बिलकुल भी शुभ नहीं माना गया। सोते समय इस बात का भी ख्याल रखें कि, आपका सिर दीवार से तीन हाथ की दूरी पर होना चाहिए।

क्या है सोने की सही दिशा

सोते समय दिशा का ध्यान जरूर रखना चाहिए। सोते समय आप अपना सिर पूर्व दिशा में रख सकते हैं। क्योंकि इस दिशा से सूर्योदय होता है, ऐसे में इस दिशा में सिर करके सोने से ज्ञान में वृद्धि होती है। वहीं, दक्षिण दिशा की ओर भी सिर करके सोया जा सकता है. लेकिन कभी भी दक्षिण और पूर्व दिशा की ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए, क्योंकि इससे व्यक्ति के मन में नकारात्मकता बढ़ती है।

इन बातों का भी रखें ध्यान

शास्त्रों में इस बात का भी वर्णन मिलता है कि व्यक्ति की शैय्या यानी बिस्तर किस प्रकार की होनी चाहिए। विष्णु पुराण के अनुसार, कभी भी टूटे-फूटे, मैले, बहुत ज्यादा ऊंचे या फिर बहुत छोटे बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए। हमेशा साफ-सुथरे बिस्तर पर ही सोएं। इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि जिस बिस्तर पर आप सोते हैं उस पर बैठकर खाना नहीं खाना चाहिए।

बिस्तर छोड़ेने का नियम

शास्त्रों के अनुसार, सुबह उठते समय दायीं तरफ से बिस्तर छोड़ना चाहिए। इसके साथ ही सुबह उठने पर पहले झुककर धरती का स्पर्श करें और उसके बाद जमीन पर पैर रखें। इस आदत को अपनाने से व्यक्ति को सेहत में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'