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Som Pradosh Vrat 2024: इस शुभ मुहूर्त पर करें सोम प्रदोष की पूजा, जीवन में होगा खुशियों का आगमन

प्रदोष व्रत भगवान शंकर की पूजा के लिए समर्पित है। हर माह दो प्रदोष आते हैं। इस बार यह व्रत 20 मई दिन सोमवार को रखा जाएगा। सोमवार को पड़ने की वजह से इसे सोम प्रदोष (Som Pradosh Vrat 2024) के नाम से जाना जाता है। वहीं जो लोग प्रदोष व्रत का पालन कर रहे हैं उन्हें पूजा मुहूर्त के अनुसार ही पूजा करनी चाहिए।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Published: Fri, 17 May 2024 11:55 AM (IST)Updated: Fri, 17 May 2024 11:55 AM (IST)
Som Pradosh Vrat 2024: सोम प्रदोष पूजा समय -

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Som Pradosh Vrat 2024: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का खास महत्व है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा होती है। इस शुभ दिन पर लोग व्रत रखते हैं और अपने परिवार की उन्नति के लिए विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस दिन का उपवास रखते उन्हें जीवन के सभी दुखों से छुटकारा मिलता है। इस बार यह व्रत 20 मई, 2024 दिन सोमवार को रखा जाएगा।

सोमवार को पड़ने की वजह से इसे सोम प्रदोष के नाम से जाना जाता है। वहीं, जो लोग इस दिन का उपवास कर रहे हैं, उन्हें पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का खास ख्याल रखना चाहिए, तो आइए जानते हैं -

सोम प्रदोष व्रत 2024 तिथि और समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की ​त्रयोदशी तिथि 20 मई, 2024 दिन सोमवार दोपहर 03 बजकर 58 पर शुरू होगी। वहीं, ​इस तिथि की समाप्ति अगले दिन यानी 21 मई दिन मंगलवार शाम 05 बजकर 39 मिनट पर होगी। त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल 20 मई को पड़ रहा है, जिसके चलते साल का पहला सोम प्रदोष व्रत 20 मई को रखा जाएगा।

सोम प्रदोष पूजा समय

प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय ज्यादा फलदायी होती है। ऐसे में शाम 6 बजकर 30 मिनट से 8 बजकर 30 मिनट तक आप पूजा कर सकते हैं। इसके अलावा दोपहर की पूजा 12 बजे से 3 बजे तक की जा सकती है। हालांकि प्रदोष काल को भोलेनाथ की पूजा के लिए सबसे उत्तम समय माना गया है। ऐसे में इसी समय पूजा करने की कोशिश करें।

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।


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