Som Pradosh Vrat 2024: सोम प्रदोष व्रत पर दुर्लभ 'शिववास' योग का हो रहा है निर्माण, पूरी होगी मनचाही मुराद
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 20 मई को दोपहर 03 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगी और 21 मई को शाम 05 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी। प्रदोष काल में भगवान शिव एवं मां पार्वती की पूजा की जाती है। अतः 20 मई को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन प्रदोष काल संध्याकाल 07 बजकर 08 मिनट से लेकर 09 बजकर 12 मिनट तक है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 13 May 2024 04:30 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Som Pradosh Vrat 2024: हर माह कृष्ण और शुक्ल की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस प्रकार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी 20 मई को है। यह दिन देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस दिन महादेव संग मां पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस व्रत का पुण्य फल दिन अनुसार प्राप्त होता है। सोमवार के दिन पड़ने के चलते यह सोम प्रदोष व्रत कहलाएगा। सोम प्रदोष व्रत करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिषियों की मानें तो सोम प्रदोष व्रत पर दुर्लभ शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में महादेव की पूजा करने से साधक को सभी शुभ कार्यों में सिद्धि प्राप्त होगी।
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शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 20 मई को दोपहर 03 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 21 मई को शाम 05 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में भगवान शिव एवं मां पार्वती की पूजा की जाती है। अतः 20 मई को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन प्रदोष काल संध्याकाल 07 बजकर 08 मिनट से लेकर 09 बजकर 12 मिनट तक है। इस समय में साधक अपने आराध्य भगवान शिव की पूजा-उपासना कर सकते हैं।
शिववास
ज्योतिषियों की मानें तो वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव 03 बजकर 58 मिनट तक कैलाश पर रहेंगे। इसके पश्चात, भगवान शिव नंदी पर सवार रहेंगे। शिव पुराण में निहित है कि भगवान शिव के नंदी पर सवार रहने के समय में रुद्राभिषेक करना बेहद शुभ होता है। इस समय में भगवान शिव का अभिषेक करने से व्यक्ति को हर कार्य में सफलता मिलती है।यह भी पढ़ें: केदारनाथ धाम की महिमा है बेहद निराली, जानें कैसे पड़ा इसका नाम?
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