Som Pradosh Vrat 2024: सोम प्रदोष व्रत की पूजा में नहीं चाहते कोई बाधा, तो अभी नोट करें सामग्री लिस्ट
सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh 2024) भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। शिव भक्त इस दिन का उपवास रखते हैं और कुछ भक्त भगवान को प्रसन्न करने के लिए मंदिर भी जाते हैं और रुद्राभिषेक करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस कठिन व्रत का पालन करते हैं उन्हें हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है। इस बार यह व्रत 20 मई को रखा जाएगा।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Som Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत का सनातन धर्म में बड़ा महत्व है। यह दिन भगवान शिव को समर्पित है और इस दिन बड़ी संख्या में लोग व्रत रखते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं, उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। इसके साथ ही जीवन के सभी दुखों का नाश होता है।
इस बार यह व्रत 20 मई, 2024 दिन सोमवार को रखा जाएगा। सोमवार को पड़ने की वजह से इसे सोम प्रदोष के नाम से जाना जाता है।
सोम प्रदोष व्रत 2024 तिथि और मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 20 मई, 2024 दिन सोमवार दोपहर 03 बजकर 58 पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि की समाप्ति अगले दिन यानी 21 मई दिन मंगलवार शाम 05 बजकर 39 मिनट पर होगी। त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल 20 मई को पड़ रहा है, जिसके चलते साल का पहला सोम प्रदोष व्रत 20 मई को रखा जाएगा।
सोम प्रदोष व्रत सामग्री लिस्ट
- लाल या पीला गुलाल
- दूध
- पवित्र जल
- गंगाजल
- शहद
- अक्षत
- कलावा
- चिराग
- फल, फूल, सफेद मिठाई
- कनेर का फूल
- आसन
- सफेद चंदन
- भांग
- धतूरा
- बेल पत्र
- धागा
- कपूर
- धूपबत्ती
- घी
- नया वस्त्र
- पंचमेवा
- प्रदोष व्रत कथा की पुस्तक
- शिव चालीसा
- शंख
- घंटा
- हवन सामग्री
सोम प्रदोष व्रत का महत्व
सोम प्रदोष का हिंदुओं में बहुत महत्व है। यह दिन पूर्ण रूप से भगवान शिव को समर्पित है। शिव भक्त इस दिन का उपवास रखते हैं और कुछ भक्त भगवान को प्रसन्न करने के लिए मंदिर भी जाते हैं और रुद्राभिषेक करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस कठिन व्रत का पालन करते हैं उन्हें हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है। वहीं, कुछ लोग इस दिन शिव जी के उग्र स्वरूप नटराज जी की पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से खुशी, दीर्घायु, सफलता, समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।यह भी पढ़ें: Jyeshtha Month 2024: कब से शुरू हो रहा है ज्येष्ठ माह, जानें इसका धार्मिक महत्व और नियमअस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।