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Som Pradosh 2024: सोम प्रदोष के दिन भगवान शिव को अर्पित करें ये चीजें, कर्ज से मिलेगी मुक्ति

सोम प्रदोष (Som Pradosh Vrat 2024) के दिन भक्त भोलेनाथ के लिए उपवास रखते हैं और उनकी विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस दिन सभी पूजा नियमों का पालन करते हैं उन्हें जीवन के हर दुखों से छुटकारा मिलता है। इस बार यह व्रत 20 मई 2024 दिन सोमवार को रखा जाएगा तो आइए इससे जुड़ी कुछ बातों को जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 18 May 2024 02:36 PM (IST)
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Som Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत के उपाय -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Som Pradosh Vrat 2024: सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शंकर की पूजा होती है। इस दिन भक्त भोलेनाथ के लिए उपवास रखते हैं और उनकी विधिपूर्वक पूजा करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस दिन सभी पूजा नियमों का पालन करते हैं, उन्हें जीवन के हर दुखों से छुटकारा मिलता है।

इस बार यह व्रत 20 मई, 2024 दिन सोमवार को रखा जाएगा। वहीं, ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को लेकर कई सारे उपाय बताए गए हैं, जिनका पालन करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

कार्यक्षेत्र में सफलता के लिए

यदी आपको लगातार किसी काम में असफलता मिल रही है, तो आपको सोम प्रदोष के दिन शिवलिंग पर अक्षत और शहद अर्पित करना चाहिए। इसके बाद भाव के साथ आरती करनी चाहिए। इस उपाय को करने से कार्यक्षेत्र में तरक्की मिलेगी। इसके साथ ही कार्य में आने वाली सभी बाधा दूर होगी।

कर्ज मुक्ति हेतु

अगर आप कर्ज की समस्या से परेशान हैं, तो आपको सोम प्रदोष के दिन शिवलिंग पर दही चढ़ाना चाहिए। इसके साथ ही भगवान शंकर के वैदिक मंत्रों का जाप करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है। साध ही धन में भी वृद्धि होती है।

सोम प्रदोष व्रत 2024 डेट और शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की ​त्रयोदशी तिथि 20 मई, 2024 दिन सोमवार दोपहर 03 बजकर 58 पर शुरू होगी। वहीं, ​इस तिथि की समाप्ति अगले दिन यानी 21 मई, 2024 दिन मंगलवार शाम 05 बजकर 39 मिनट पर होगी। त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल 20 मई को पड़ रहा है, जिसके चलते साल का पहला सोम प्रदोष व्रत 20 मई को रखा जाएगा।

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।