Somvati Amavasya 2023 हिन्दू धर्म में सोमवती अमावस्या व्रत का विशेष महत्व है। बता दें कि अमावस्या तिथि जब सोमवार के दिन पड़ती है तो उसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन स्नान दान और पूजा-पाठ का विशेष महत्व है।
By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Mon, 13 Feb 2023 12:20 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्मिक डेस्क | Somvati Amavasya 2023: हिन्दू धर्म में सोमवती अमावस्या के दिन व्रत एवं स्नान-दान के विधि का पालन किया जाता है। इस विशेष दिन पर पूजा-पाठ का भी बहुत महत्व है। शास्त्रों में बताया गया है कि सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही इस पीपल के वृक्ष की पूजा का भी विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पीपल के वृक्ष में देवी-देवताओं का वास होता है, इसलिए इस दिन पीपल के पेड़ को जल अर्पित करने से और पेड़ के नीचे दीपक जलाने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। इस वर्ष फाल्गुन मास में सोमवती अमावस्या का शुभ संयोग बन रहा है। यह व्रत 20 फरवरी 2023, सोमवार के दिन रखा जाएगा। इस दिन कुछ विशेष मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए और स्नान-ध्यान करना चाहिए।
सोमवती अमावस्या सिद्ध मंत्र (Somvati Amavasya 2023 Mantra)
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ॐ कुल देवताभ्यो नमः।
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ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः।
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ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः।
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ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः।
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ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः।
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ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।
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अयोध्या, मथुरा, माया, काशी कांचीअवन्तिकापुरी, द्वारवती ज्ञेयाः सप्तैता मोक्ष दायिका।।
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गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती, नर्मदा सिंधु कावेरी जलेस्मिनेसंनिधि कुरू।।
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गायत्री मंत्र:- ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
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ॐ पितृभ्य: नम।
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सोमवार का दिन होने के कारण शिवलिंग का अभिषेक करें और ॐ नमः शिवाय मंत्र का निरंतर जाप करते रहें। इस बीज मंत्र से भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और साधक की सभी मनोकामना पूर्ण कर देते हैं।
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