Somvati Amavasya 2023 फाल्गुन मास की पहली सोमवती अमावस्या आज यानि 20 फरवरी के दिन मनाई जा रही है। इस विशेष दिन पर साधकों को रात्रि के समय कुछ विशेष उपाय करने चाहिए जिससे उन्हें पितरों का आशीर्वाद मिलेगा।
By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Mon, 20 Feb 2023 03:21 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्मिक डेस्क | Somvati Amavasya 2023 Upay: हिन्दू धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है। इस विशेष दिन पर भगवान शिव, माता पार्वती और चंद्र देव की पूजा का विधान है। शास्त्रों में बताया गया है कि सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र स्नान-दान करने से कई प्रकार की दोष दूर हो जाते हैं और साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इस विशेष दिन पर पिंडदान और श्राद्ध कर्म करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और जीवन में सौभाग्य का आगमन होता है।
सोमवती अमावस्या के दिन चंद्र दर्शन और उनकी पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि आज के दिन रात्रि के समय चंद्र देव की उपासना करने से साधक को आरोग्यता और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। साथ ही पितृ दोष से मुक्ति मिलने में सहायता होती है। बता दें कि रात्रि के समय गोपनीय रूप से किए गए कुछ उपायों से भी व्यक्ति को लाभ मिलता है। आइए जानते हैं-
सोमवती अमावस्या पर गुप्त रूप से करें ये उपाय
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ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि जिस जातक की कुंडली में चंद्र नीच स्तिथि में हैं, उन्हें इस सफेद वस्त्र, सफेद अन्न जैसे दूध, दही या चावल का दान करना चाहिए। ऐसा करने से चंद्र देव प्रसन्न होते हैं और जातक की सभी समस्याएं दूर कर देते हैं।
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सोमवती अमावस्या पर रात के समय आटे से बने 7 दीपक पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं और अपनी मनोकामना मन ही मन दोहराएं। ऐसा करने से घर परिवार में शांति आती है, साथ ही साधक की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
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आज के दिन साधक रात्रि के समय चंद्र देव की पूजा अवश्य करें। मान्यता है कि चंद्र देव की पूजा से भाग्योदय का आशीर्वाद मिलता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि चंद्र देव की पूजा से जीवन में आ रही बाधाएं समाप्त हो जाती हैं।
चंद्र देव की पूजा का महत्व
चंद्र देव को ज्ञान, बुद्धि और ऐश्वर्य का स्वामी कहा गया है। इसलिए आज के दिन चंद्र देव और चंद्र यंत्र की पूजा से साधक को विशेष लाभ मिलता है। साथ ही उसे चंद्र दोष के दुष्प्रभाव से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ आज चंद्र पूजा के समय निम्नलिखित मंत्र का जाप अवश्य करें।
ॐ इमं देवा असपत्नं ग्वं सुवध्यं।महते क्षत्राय महते ज्यैश्ठाय महते जानराज्यायेन्दस्येन्द्रियाय इमममुध्य पुत्रममुध्यै
पुत्रमस्यै विश वोsमी राज: सोमोsस्माकं ब्राह्माणाना ग्वं राजा।।डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।